II गणतंत्र दिवस II- शायरी क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, January 26, 2022, 06:55:06 PM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                           शायरी क्रमांक-5 
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मित्रो,

       आज बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ है.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, इस दिवस का महत्त्व, इतिहास, लेख, निबंध,भाषण, शायरी, अनमोल वचन, शुभकामनाये, शुभेच्छाये, एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जIनकारी.

                  गणतंत्र दिवस पर शायरी 2022---

उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है...
उसे यह फिक्र है हरदम नया तर्जे जफा क्या है
हमें यह शौक हैं देखें सितम की इंतहा क्या है....

कोई दम का मेहमां हूं एक अहले महफिल...
कोई दम का मेहमां हूं एक अहले महफिल
चरागे शहर हूं, बुझा चाहता हूं
हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली
ये मुश्ते खाक है, फानी रहे न रहे॥

– भगत सिंह
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दहर से क्यों खफा रहें, चर्ख का क्यों गिला करें
सारा जहां अदू सही आओ मुकाबला करें

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है...
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है

करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है....

--बिस्मिल अज़ीमाबादी की शायरी
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ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार...
ए शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचा गैर की महफ़िल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
वक्त आने दे बता देंगे तुझे ऐ आसमान....

--बिस्मिल अज़ीमाबादी की शायरी
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीपरिचय.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.01.2022-बुधवार.