II गणतंत्र दिवस II-कविता क्रमांक-33

Started by Atul Kaviraje, January 27, 2022, 01:14:30 AM

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Atul Kaviraje

                                          II गणतंत्र दिवस II
                                           कविता क्रमांक-33
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मित्रो,

       कल बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ था .  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, गणतंत्र दिवस पर कविताए.

#7.आज नई सज-धज से
गणतंत्र दिवस फिर आया है।
नव परिधान बसंती रंग का
माता ने पहनाया है।

#8.अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे,
सालो से सालो तक न हो बात पुरानी,
आजाद हिन्द का तिरंगा रहे हमेशा ऊंचा।

खुशनसीब है हम जो यहाँ जन्म हम लीये,
यहाँ की मीट्टी की खुशबु,
यहाँ की हवायों का अपनापन,
हर दिल में राष्टगान का सम्मान रहे।

अगर झुकने लगे जो तिरंगा,
तो हम बलिदान कर दे खुद को,
सर कटा दे पर सर झुका सकते नही।

हिन्दुस्तान है सोने की चिड़ियाँ,
ईसाई ,सिख, हिन्दु हो या मुस्लीम हम जो भी हो,
हम जहां भी रहे,
सिर्फ हिन्दुस्तानी रहे,
अमर वो उनकी बलिदानी याद रहे।


--नरेंद्र  सिंग
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-बायो-ग्राफी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.01.2022-गुरुवार.