II गणतंत्र दिवस II-कविता क्रमांक-40

Started by Atul Kaviraje, January 27, 2022, 01:47:40 AM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                          कविता क्रमांक-40
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मित्रो,

       कल बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ था .  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, गणतंत्र दिवस पर कविताए.

#15.ऐ मालिक, सिर्फ इतना-सा मुझपर तू करम दे,
मुझे सनम से प्यारा मेरा वतन कर दे!

कर दूँ निछावर तन-मन-धन सब अपना,
इतनी प्रज्वलित मुझमें राष्ट्रप्रेम की अगन कर दे!

सकुचित न होऊँ क्षणभर भी सरफ़रोश बनने को,
ऐसी मनोवृति का मेरे ज़हन में जनम कर दे!

अस्तित्व मिट जाए दहशतवादी नर-पिशाचों का इस धरा से,
और परे हो जाए मुल्क से गद्दारी की सोच भी ऐसे उसे तू दफन कर दे!

मेरी माँ के आँचल के तले चैन से सो सकूँ मैं,
ऐसे विदा होने पर अता मुझे मेरे तिरंगे का कफन कर दे!
ऐ मालिक, सिर्फ इतना-सा मुझपर तू करम दे! !


--नरेंद्र  सिंग
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-बायो-ग्राफी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.01.2022-गुरुवार.