II गणतंत्र दिवस II- कविता क्रमांक-43

Started by Atul Kaviraje, January 27, 2022, 11:19:59 PM

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Atul Kaviraje

                                         II गणतंत्र दिवस II
                                          कविता क्रमांक-43
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मित्रो,

        कल बुधवार, दिनांक-२६ जानेवारी, २०२२ था.  इसी दिन, 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में मनाया जाता है. मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको प्रजासत्ताक (गणतंत्र) दिवस की हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, गणतंत्र दिवस पर कविताए.

#18.छोड़ हिंसा को, अहिंसा अपनाकर हमें दिखाना है
बापू के आदर्शों पे भी चल के हमे बताना है
नई सदी के लोग हैं हम कुछ कर के हमें दिखाना है
आओ मिल कर के हम सब को प्यारा हिन्दुस्तान बनाना हैl

शिक्षित अगर पूरा समाज हो जाए तो ये देश फिर और आगे बढ़ जाएगा
देश का हर बच्चा तब गाँधी, सुभाष बन पाएगा
शिक्षा की इस जोत को घर-घर में हमें जलाना है
आओ मिल कर के हम सब को प्यारा हिन्दुस्तान बनाना हैl

डूब रही है सभ्यता संस्कृति चारों ओर अंधकार है
मिट रही है दुनियाँ सारी चारों ओर कोहराम है
डूबती हुइ सभ्यता संस्कृति जो, उसको हमें बचाना है
आओ मिल कर के हम सब को प्यारा हिन्दुस्तान बनाना है

कहने से बड़ी-बड़ी बातें कुछ नहीं मिल जाएगा
जो है, जैसा है सब वैसा हीं रह जाएगा
सो चुके इस समाज को फिर से हमें जगाना है
आओ मिल कर के हम सब को प्यारा हिन्दुस्तान बनाना हैl


--नरेंद्र  सिंग
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                    (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-बायो-ग्राफी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.01.2022-गुरुवार.