चारोळ्या-"गुन्हेगारांचा व्हावया नायनाट समूळ,पोलीस शोधताहेत गुन्हेगारीचे मूळ"

Started by Atul Kaviraje, February 04, 2022, 01:31:40 AM

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Atul Kaviraje

      विषय :अवैध  धंद्यांवर  पोलीस धडक  कारवाई  सत्र  सुरु
                   वास्तव  पोलीस -गुन्हेगार  चारोळ्या
  "गुन्हेगारांचा व्हावया नायनाट समूळ,पोलीस शोधताहेत गुन्हेगारीचे मूळ" 
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(1)
गुन्हा ,घातपात  "गुन्हेगाराचे"  असते  मोठे  अस्त्र
दहशत  पसरवती  ते  जनात  सर्वत्र
"धंदे  अवैध"  तयांचे  बंद  करण्या  "पोलिसांनी" ,
सुरु  केलय  "कारवाईचे  धडक  सत्र" .

(2)
कायद्यास  धरून  वागणारा  तो  कसला  "गुन्हेगार"  ?
कायदा  चुलीत  घालणारा  तोच  असतो  "गुन्हेगार" !
बेकायदा , "अवैध"  काम  त्याला  अति  आवडते ,
संस्कारांचे  त्याचे  घट  नेहमीच  रिकामे  असते .

(3)
काही  कारणंच  कारणीभूत  असतात  त्याला  "गुन्हेगार"  होण्यास
संगतीचाही  यात  असतो  सहभाग , या  "गुन्हेगारी"  प्रवृत्तीस
सोपा -सहज  पैसा (EASY MONEY) मिळत  असल्यावर ,
का  जाईल  बरे  तो  प्रामाणिकपणाच्या  नोकरीस  ?

(4)
काय  लाभ , काय  मिळतंय  हे  "अवैध  धंदे"  करून
क्षणमात्र  सुखाचेच  असते  ते  एक  भासमान  मृगजळ
"गुन्हा"  उघडकीस  येता  अटक  ठरलेलीच  असते ,
मग  आयुष्यभर  खावे  लागते , दुःखाचे  कटू -फळ .

(5)
प्रामाणिक  "पोलीस"  काही  कमी  नाहीत  खात्यात
विडाच  उचललाय  त्यांनी  जणू  या  "अवैध  धंदा"  विरोधात
नामशेष  कराया  मूळच , ही  विषवल्ली  टाकण्या  उखडून ,
अहोरात्र  राबताहेत , तन-मन  देतात  ते  या  "धडक  सत्रात" .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.02.2022-शुक्रवार.