II माघी गणेश जयंती II-कविता क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, February 04, 2022, 01:38:36 AM

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Atul Kaviraje

                                        II माघी गणेश जयंती II
                                            कविता क्रमांक-5
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मित्र/मैत्रिणींनो,

          आज शुक्रवार,०४ फेब्रुवारी ,२०२२ . माघ शुद्ध चतुर्थी अर्थात माघ महिन्यातील श्रीगणेश जयंती. मराठी कवितेच्या माझ्या सर्व बंधू-भगिनी, कवी-कवयित्रींना, या माघी गणेश जयंतीच्या मनापासून शुभेच्छा. त्या बाप्पाला नमन करून वाचूया, माघी गणेश जयंतीनिमित्त काही कविता---

                        ।। भूपाळी आरती श्री गणेशाची ।।---

होई जागृत श्री गणराया।
हेरंबा... मंगल मूर्ती मोरया।
वरद विनायका गौरी तनया।
श्री शिवसुता संकट नाशी।।धृ।।

वक्रतुंड तू एकदंत तू।
वरद विनायक, लंबोदर तू।
गजमुख तू भालचंद्र तू।
सिद्धिविनायक तूच असशी।।१।।

गजानना तू मनांचा राजा।
निवारशी तू सकल भय काजा।
सकल चराचर शरण तुजला।
गणनायका तूच मिरविशी।।२।।

पितांबर झळके अंगी सुंदर।
वाहन साजे तुज उंदीर।
गळा कंठीमाळा पायी घुंगरू।
मोदक तुजला नैवैद्याशी।।३।।

जगकल्याणा तू अवतरशी।
मोह मायेला तू हरविशी।
रिद्धी-सिद्धीचा रे विधाता।
शरणार्थीला हृदयी धरिशी।।४।।

भक्तांचा रे तू चिंतामणी।
तव मंगल रूप वसे ध्यानी।
करू गुणगान निशिदिनी।
लीन हा गणेश श्री चरणी।।५।।


--गणेश जी.शिवलाड
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                    (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-स्टोरी मिरर.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-04.02.2022-शुक्रवार.