II वैलेंटाइन्स डे II-कविता क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, February 14, 2022, 12:32:31 AM

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Atul Kaviraje

                                       II वैलेंटाइन्स डे II
                                        कविता क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक-१४ फेब्रुवारी, २०२२ - सोमवार है. आजका दिन "वैलेंटाइन दिवस या संत वैलेंटाइन दिवस (अंग्रेज़ी: Valentine's Day), एक अवकाश दिवस है, जिसे 14 फ़रवरी को अनेकों लोगों द्वारा दुनिया भर में मनाया जाता है। अंग्रेजी बोलने वाले देशों में, ये एक पारंपरिक दिवस है, जिसमें प्रेमी एक दूसरे के प्रति अपने प्रेम का इजहार वैलेंटाइन कार्ड भेजकर, फूल देकर करते हैं।" आईए इस अवसर पर पढते है, कुछ प्रेम रचनाये, कविताये. 

ऐसा लगता है जैसे
तुम चारों तरफ़ से मुझसे लिपटी हुई हो
मैं तुम्हारे व्यक्तित्व के मुख में
आनंद का स्थायी ग्रास... हूँ

~शमशेर बहादु सिंह
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युग युग की उस तन्मयता को
कल्पना मिली संचार मिला
तब हम पागल से झूम उठे
जब रोम रोम को प्यार मिला

~भगवतीचरण वर्मा
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कुछ प्रेम
कुछ प्रतीक्षा
कुछ कामना से
रची गई है वह,
— हाड़माँस से तो
बनी थी बहुत पहले।

~अशोक वाजपेयी
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सिंधुतट की बालुका पर जब लिखा मैने तुम्हारा नाम
याद है, तुम हंस पड़ीं थीं, 'क्या तमाशा है
लिख रहे हो इस तरह तन्मय
कि जैसे लिख रहे होओ शिला पर
मानती हूं, यह मधुर अंकन अमरता पा सकेगा
वायु की क्या बात? इसको सिंधु भी न मिटा सकेगा।

~रामधारी सिंह "दिनकर"
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कितनी बार तुम्हें देखा
पर आँखें नहीं भरीं।
सीमित उर में चिर-असीम
सौंदर्य समा न सका
बीन-मुग्ध बेसुध-कुरंग
मन रोके नहीं रुका

~शिवमंगल सिंह 'सुमन'
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--संकलक-रत्नेश मिश्र
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अमर उजाला.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.02.2022-सोमवार.