"थाळी-नाद कसा घुम-घुमला,दुम-दुमला,आला हो आला ST कर्मचारी आला !"

Started by Atul Kaviraje, February 17, 2022, 01:29:38 AM

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Atul Kaviraje

      विषय : बीड  येथे  ST कर्मचाऱ्यांचे  थाळी -नाद  करीत  आंदोलन  रॅली
                वास्तव -ST कर्मचारी  सरकार  निषेध  आंदोलन  चारोळ्या
    "थाळी-नाद कसा घुम-घुमला,दुम-दुमला,आला हो आला  ST कर्मचारी आला !"      --------------------------------------------------------------------------


(1)
आता  ST कर्मचाऱ्यांना  लोकं  दुरूनही  ओळखू  लागलीत
त्यांची  अनोखी  आंदोलने  रोज  नवं -नवीन  वळणे  घेऊ  लागलीत
फक्त  एक  हलकासा  आवाज  पुरेसा  होतोय , त्यांच्या  ओळखीचा ,
हा  तर  अखंड  "थाळी -नाद"  चाललाय  रॅली  काढून  ST कर्मचाऱ्यांचा .

(2)
नाही  तरी पगार  नाही ,वेतन -वाढ  नाही , बोनस  तर  नाहीच  नाही
ST कर्मचाऱ्यांच्या  घरI -घरांत  चक्क  उपासमारीच्या  आल्या  होत्या  पाळ्या
पूर्ण -ब्रह्म  अश्या  अन्नाने  भरलेल्या  केव्हातरी  त्या  "थाळ्या" ,
आज  नाद ,आवाज ,घोष  करीत  रस्त्यावरून  सरकार -विरोधी  रॅली  काढीत  होत्या .

(3)
आता  हे  रोजचेच  झाले  होते , म्हणून  आंदोलनाचे  औजार  बदलले  होते
"थाळीचाच"  एक  सहारा  होता , आसरा  होता , या  आंदोलनात  त्यांना
सर्व -सर्व  प्रयत्न  फोल  ठरत  होते , पण  मागण्या  मान्य  होत  नव्हत्या ,
टिपेला  पोचला  होता  नाद , घुमत  होता , "थाळ्या"  आवाज  करीत  होत्या .

(4)
हा  "थाळी"  पिटण्याचा  आवाज  सरकारपर्यंत  पोहोचत  होता  का  ?
की सरकारने आपल्या  घराची  सारी  द्वारे -कवाडे , बंद  करून  घेतली  होती  ?
ST कर्मचाऱ्यांचा  "थाळी" -नाद  परावर्तित  होत  होता , भिंतींवर  आदळून ,
त्याचा  प्रतिध्वनी , प्रतिनाद ,निनाद  पुन्हा  कर्मचाऱ्यांकडेच  परतत  होता  !

(5)
आता  हेही  हत्यार  कुचकामाचे  ठरतेय  की  काय , अशी  आशंका  होती
सरकारला  बहुतेक  यापेक्षाही  उच्च  आवाजात  ऐकण्याची  सवय  असावी
ST कर्मचाऱ्याचा  मोर्चा   आता  ढोल ,ताशे ,कर्णे  यांचेकडे  वळला  होता ,
पुन्हा  एकवार  न  डगमगता , तो  नव्याने  आंदोलनास  उभा  राहिला  होता .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-17.02.2022-गुरुवार.