II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II-लेख क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, February 19, 2022, 06:10:09 PM

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Atul Kaviraje

                                 II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II
                                              लेख क्रमांक-5
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०२.२०२२-शनिवार, छत्रपती श्री शिवाजी महाराज जयंती है. "छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। उनके जन्मदिवस के अवसर पर ही हर साल 19 फरवरी को भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है। यह साल इस महान मराठा की 391वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने तो इस दिन को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।" मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस सु-अवसर पर मेरी अनेक हार्दिक शुभेच्छाये . आईए इस सुनहरे दिवस पर पढते है लेख,निबंध,भाषण,शुभेच्छाये,स्टेटस,कोट्स,शायरी,सु-विचार एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी.

     शिवाजी ने अपना राष्ट्रीय ध्वज नारंगी रखा था, जो हिंदुत्व का प्रतीक हैं. इसके पीछे एक कथा है, शिवाजी रामदास जी से बहुत प्रेम करते थे, जिनसे शिवाजी ने बहुत सी शिक्षा ग्रहण की थी. एक बार उनके ही साम्राज्य में रामदास जी भीख मांग रहे थे, तभी उन्हें शिवाजी ने देखा और वे इससे बहुत दुखी हुए, वे उन्हें अपने महल में ले गए और उनके चरणों में गिर उनसे आग्रह करने लगे, कि वे भीख ना मांगे, बल्कि ये सारा साम्राज्य ले लें. स्वामी रामदास जी शिवाजी की भक्ति देख बहुत खुश हुए, लेकिन वे सांसारिक जीवन से दूर रहना चाहते थे, जिससे उन्होंने साम्राज्य का हिस्सा बनने से तो इंकार कर दिया, लेकिन शिवाजी को कहा, कि वे अच्छे से अपने साम्राज्य को संचालित करें और उन्हें अपने वस्त्र का एक टुकड़ा फाड़ कर दिया और बोला इसे अपना राष्ट्रीय ध्वज बनाओ, ये सदेव मेरी याद तुम्हे दिलाएगा और मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा.

                  शिवाजी की सेना (Shivaji Army) –

     शिवाजी के पास एक बहुत बड़ी विशाल सेना थी, शिवाजी अपनी सेना का ध्यान एक पिता की तरह रखते थे. शिवाजी सक्षम लोगों को ही अपनी सेना में भरती करते थे, उनके पास इतनी समझ थी, कि वे विशाल सेना को अच्छे से चला पायें. उन्होंने पूरी सेना को बहुत अच्छे से ट्रेनिंग दी थी, शिवाजी के एक इशारे पर वे सब समझ जाते थे. उस समय तरह तरह के टैक्स लिए जाते थे, लेकिन शिवाजी बहुत दयालु राजा थे, वे जबरजस्ती किसी से टैक्स नहीं लेते थे. उन्होंने बच्चों, ब्राह्मणों व औरतों के लिए बहुत कार्य किये. बहुत सी प्रथाओं को बंद किया. उस समय मुग़ल हिंदुओ पर बहुत अत्याचार करते थे, जबरजस्ती इस्लाम धर्म अपनाने को बोलते थे, ऐसे समय में शिवाजी मसीहा बनकर आये थे. शिवाजी ने एक मजबूत नेवी की स्थापना की थी, जो समुद्र के अंदर भी तैनात होती और दुश्मनों से रक्षा करती थी, उस समय अंग्रेज, मुग़ल दोनों ही शिवाजी के किलों में बुरी नजर डाले बैठे थे, इसलिए उन्हें इंडियन नेवी का पिता कहा जाता है.

       शिवाजी की म्रत्यु ( Chhatrapati Shivaji Maharaj Death)–

     शिवाजी बहुत कम उम्र में दुनिया से चल बसे थे, राज्य की चिंता को लेकर उनके मन में काफी असमंजस था, जिस कारण शिवाजी की तबियत ख़राब रहने लगी और लगातार 3 हफ़्तों तक वे तेज बुखार में रहे, जिसके बाद 3 अप्रैल 1680 में उनका देहांत हो गया. मात्र 50 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई. उनके मरने के बाद भी उनके वफादारों ने उनके साम्राज्य को संभाले रखा और मुगलों अंग्रेजों से उनकी लड़ाई जारी रही.

     शिवाजी एक महान हिन्दू रक्षक थे. शिवाजी ने एक कूटनीति बनाई थी, जिसके अन्तर्गत किसी भी साम्राज्य में अचानक बिना किसी पूर्व सुचना के आक्रमण किया जा सकता था, जिसके बाद वहां के शासक को अपनी गद्दी छोड़नी होती थी. इस नीति को गनिमी कावा कहा जाता था. इसके लिए शिवाजी को हमेशा याद किया जाता है. शिवाजी ने हिन्दू समाज को नया रूप दिया, अगर वे ना होते तो आज हमारा देश हिन्दू देश ना होता मुग़ल पूरी तरह से हमारे उपर शासन करते. यही वजह है शिवाजी को मराठा में भगवान मानते है.

     छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती  2022 में कब है? (Chhatrapati Shivaji Maharaj 2022 Jayanti)

     शिवाजी महाराज की याद में हर साल की तरह इस साल भी शिवाजी महाराज की जयंती 19 फ़रवरी को मनाई जाएगी.

--अनुभूती
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.02.2022-शनिवार.