II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II-निबंध क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, February 19, 2022, 06:15:23 PM

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Atul Kaviraje

                                  II छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती II
                                              निबंध क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०२.२०२२-शनिवार, छत्रपती श्री शिवाजी महाराज जयंती है. "छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। उनके जन्मदिवस के अवसर पर ही हर साल 19 फरवरी को भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है। यह साल इस महान मराठा की 391वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने तो इस दिन को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।" मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस सु-अवसर पर मेरी अनेक हार्दिक शुभेच्छाये . आईए इस सुनहरे दिवस पर पढते है लेख,निबंध,भाषण,शुभेच्छाये,स्टेटस,कोट्स,शायरी,सु-विचार एवं अन्य महत्त्वपूर्ण जानकारी.

                    छत्रपति शिवाजी महाराज निबंध

     छत्रपति शिवाजी महाराज या शिवाजी राजे भोसले भारत के महान योद्धा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 में, पश्चिम भारत मराठा साम्राज्य की नींव रखी।

     शिवाजी का जन्म 1627 को शिवनेरी के पहाड़ी किले में हुआ था। यह किला पूना के उत्तर में था। ये शाहजी भोसले और माता जीजाबाई के पुत्र थे। उन्हें विश्वास था कि उनका पुत्र हिंदूधर्म और सभ्यता-संस्कृति का महान संरक्षक होगा। इसीलिए उन्होंने जहां उनमें दयालुता, सौम्यता, प्रेम और परस्पर सहयोग जैसे सौम्य भाव भरे थे, वहीं उन्हें ऐसा वीर, साहसी, न्यायप्रिय और कुशल योद्धा भी बनाया था, जिसके नाम से ही शत्रु कांप जाता था।

     शिवाजी के पिता बीजापुर के राजा की नौकरी में थे। वे अधिकतर घर से दूर रहते थे, इसलिए शिवाजी को केवल अपनी मां की संगति मिली। उनको नियमित शिक्षा नहीं मिल सकी। उनकी मां ने उन्हें एक साधारण बालक के समान पाला। वे रामायण और महाभारत की कहानियां सुनने के शौकीन थे। इन कहानियों का उनके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनका देश के प्रति अगाध प्रेम और उनका शक्तिशाली चरित्र इन्हीं संस्कारों का परिणाम था।

     शिवाजी एक वीर पुरुष थे और छापामार युद्ध की कला में भी प्रवीण थे। मुगल इन्हें 'पहाड़ी चूहा' कहते थे। औरंगजेब जब इन्हें हराने में असफल रहा तो उन्हें धोखे से उसने कैद कर लिया। वहां शिवाजी एक मिठाई के टोकरे में बैठकर जेल से फरार हो गए। इन्होंने कई वर्षों तक औरंगजेब के मुगल साम्राज्य से संघर्ष किया।

     1647 को रामगढ़ के किले में इनका राजतिलक हुआ। शिवाजी का चरित्र बहुत । ऊंचा था। ये गऊ, ब्राह्मण, स्त्री तथा सभी धार्मिक ग्रंथों का बहुत आदर करते थे-इनके जीवन की अनेक घटनाएं इस सत्य की पुष्टि करती हैं।

     1680 को भारत के महान योद्धा और धर्मरक्षक का देहांत हो गया।

--AUTHOR UNKNOWN
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                         (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-निबंधमाला.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.02.2022-शनिवार.