II छत्रपती शिवाजी महाराज जयंती II-कविता क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, February 19, 2022, 07:09:06 PM

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Atul Kaviraje

                                II छत्रपती शिवाजी महाराज जयंती II
                                           कविता क्रमांक-4
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मित्रो,

     आज दिनांक-१९.०२.२०२२-शनिवार, छत्रपती श्री शिवाजी महाराज जयंती है. "छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 को मराठा परिवार में हुआ था। उनके जन्मदिवस के अवसर पर ही हर साल 19 फरवरी को भारत में छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है। यह साल इस महान मराठा की 391वीं जयंती के रूप में मनाया जा रहा है। महाराष्ट्र सरकार ने तो इस दिन को राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है।" मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस सु-अवसर पर मेरी अनेक हार्दिक शुभेच्छाये . आईए इस सुनहरे दिवस पर पढते है कुछ रचनाये,कविताये.

                   छत्रपती शिवाजी महाराज कविता

मुगलों की सल्तनत पे उसने वार किया था ऐसा कुछ,
दंग रह गई आदिलशाही-निजामशाही है ये सच।
शिवनेरी पे जन्म हुआ रख दिया शिवाजी नाम है,
शिवाई माता के आशीर्वच का ये लाया पैगाम है।
युद्धनीति को सीखते दादोजी से धर्म जिजाऊ से ,
राम-कृष्ण की तरह तुम भी धर्म बचाना कहा उस से।
शिवबा ने कर ली प्रतिज्ञा सामने है रायरेश्वर
कीलों का है महत्त्व अद्भुत, तोरणा से शुरुआत कर।
अफजलखाँ ने बीड़ा उठाया विजापूर दरबार में,
बाघ-नखों से चीर दिया है उदर को उस संहार में।
जीवा महाला ने मारा सय्यद बंडा को वार से,
अफजल की सेना भागे फाजल को लेकर हार से।
सिद्दी जौहर ने है घेरा पन्हाला को चारों ओर,
बाजी ने बाजी लगाई प्राण के उनकी टूटी डोर।
मुरारबाजी शूरवीर थे लड़े पुरंदर रक्षण पे,
स्वामिभक्त थे उनके ऐसे उदार अपने जीवन पे।
बंदी बन गए आगरा में थे हुई अचानक बीमारी,
संतों को उपहार मिठाई भेष बदल के निकली सवारी।
लाल महल पे कब्ज़ा करके शाइस्ता है रहने लगा,
काटी उसकी उँगलियाँ, जान न गई, खून बहने लगा।
भारत में सबसे पहले है नौसेना का किया निर्माण,
कीलों और मनुष्यों का किया संगठन, नारी-सम्मान।
युद्ध प्रशासन में हैं आगे, जनता को देखें हैं सुखी,
नेतोजी को लिया धर्म में, किसी को कभी किया न दुखी।
गुरुवर उनके थे संतों में समर्थ और तुकाराम,
अष्टप्रधान मंडल की स्थापना, शुरू हुआ राजा का काम।
रामराज्य के बाद है ऐसा राज्य हुआ वो पहली बार,
स्वराज्य की उसने की स्थापना और शत्रु का किया संहार।

--रोहित सुलतानपुरी
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--By admin
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                            (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ही हिंदी.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.02.2022-शनिवार.