II महाशिवरात्रि II-लेख क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 02:11:56 AM

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Atul Kaviraje

                                           II महाशिवरात्रि II
                                             लेख क्रमांक-4
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मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर लेख, कथा, पूजा-विधी, शायरी, शुभकामनाये, निबंध इत्यादी.

     भगवान शिव को समर्पित महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन कृष्ण की चतुर्दशी को मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे.

                                    महा शिवरात्रि 2022---
                                  भगवान शिव के 108 नाम---

61. गिरिश्वर: कैलाश पर्वत पर रहने वाले 62. अनघ: पापरहित या पुण्य आत्मा 63. भुजंगभूषण: सांपों व नागों के आभूषण धारण करने वाले 64. भर्ग: पापों का नाश करने वाले 65. गिरिधन्वा: मेरू पर्वत को धनुष बनाने वाले 66. गिरिप्रिय: पर्वत को प्रेम करने वाले 67. कृत्तिवासा: गजचर्म पहनने वाले 68. पुराराति: पुरों का नाश करने वाले 69. भगवान: सर्वसमर्थ ऐश्वर्य संपन्न 70. प्रमथाधिप: प्रथम गणों के अधिपति 71. मृत्युंजय: मृत्यु को जीतने वाले 72. सूक्ष्मतनु: सूक्ष्म शरीर वाले 73. जगद्व्यापी: जगत में व्याप्त होकर रहने वाले 74. जगद्गुरू: जगत के गुरु 75. व्योमकेश: आकाश रूपी बाल वाले 76. महासेनजनक: कार्तिकेय के पिता 77. चारुविक्रम: सुन्दर पराक्रम वाले 78. रूद्र: उग्र रूप वाले 79. भूतपति: भूतप्रेत व पंचभूतों के स्वामी 80. स्थाणु: स्पंदन रहित कूटस्थ रूप वाले

81. अहिर्बुध्न्य: कुण्डलिनी धारण करने वाले 82. दिगम्बर: नग्न, आकाश रूपी वस्त्र वाले 83. अष्टमूर्ति: आठ रूप वाले 84. अनेकात्मा: अनेक आत्मा वाले 85. सात्त्विक: सत्व गुण वाले 86. शुद्धविग्रह: दिव्यमूर्ति वाले 87. शाश्वत: नित्य रहने वाले 88. खण्डपरशु: टूटा हुआ फरसा धारण करने वाले 89. अज: जन्म रहित 90. पाशविमोचन: बंधन से छुड़ाने वाले 91. मृड: सुखस्वरूप वाले 92. पशुपति: पशुओं के स्वामी 93. देव: स्वयं प्रकाश रूप 94. महादेव: देवों के देव 95. अव्यय: खर्च होने पर भी न घटने वाले 96. हरि: विष्णु समरूपी 97 .पूषदन्तभित: पूषा के दांत उखाड़ने वाले 98. अव्यग्र: व्यथित न होने वाले 99. दक्षाध्वरहर: दक्ष के यज्ञ का नाश करने वाले 100. हर: पापों को हरने वाले

101. भगनेत्रभिद्: भग देवता की आंख फोड़ने वाले 102. अव्यक्त: इंद्रियों के सामने प्रकट न होने वाले 103. सहस्राक्ष: अनंत आँख वाले 104. सहस्रपाद: अनंत पैर वाले 105. अपवर्गप्रद: मोक्ष देने वाले 106. अनंत: देशकाल वस्तु रूपी परिच्छेद से रहित 107. तारक: तारने वाले 108. परमेश्वर: प्रथम ईश्वर


                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-ए बी पी लाईव्ह.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.