II महाशिवरात्रि II-कविता क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 03:11:02 PM

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Atul Kaviraje

                                           II महाशिवरात्रि II
                                            कविता क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर शिव तांडव स्तोत्र, शायरी एवं रचनाये.

                         महा शिवरात्रि कविता---

शिव तेरी जटाओ से गंग निकले
तेरे डमरू से ॐ तरंग निकले
तेरा आसन मृग का छाला है
तेरा मन मोहक रूप नीराला है
तेरी भुजाओ से लाखो भुजंग निकले
तेरे डमरू से ॐ तरंग निकले

तुझे महल अटारी न भाता
तू भांग का गोला है खाता
भक्त तुझे जो दिल से पुकारे
तू उसकी झोली भर देता है
शिव भूत प्रेत के संग निकले
तेरे डमरू से ॐ तरंग निकले

शिव सृष्टि के विधाता है
पर पार्वती बिन अधूरे है
शुभ घडी शिव रात्रि की आयी है
शिव शक्ति से ब्याहन को निकले
शिव पार्वती के संग निकले
तेरे डमरू से ॐ तरंग निकले

--पंकज गोयल 
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजबगजब.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.