II महाशिवरात्रि II- कविता क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 03:12:41 PM

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Atul Kaviraje

                                           II महाशिवरात्रि II
                                            कविता क्रमांक-2
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मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर शिव तांडव स्तोत्र, शायरी एवं रचनाये.

                          महा शिवरात्रि कविता---

चलो सखियाँ शिवरात्रि मनायें
शिव पूजन की थाली सजाये
चन्दन रोली अक्षत पुष्प
बेल पत्र भांग धतूरा साथ में लाये
चारों तरफ धूम मची है
शिव ब्याह की शहनाई बजी है
रात्रि जागरण का प्रयोजन है
चलो सब जन उसका साक्षी हो जाएं
शंकर भोले भाले है
भक्तो के निराले है
मस्तक पर त्रिपुण्ड शोभता
चंद्रशेखर कहलाते है
पार्वती इनके बामे अंग विराजती
अशोकसुन्दरी इनकी सुता कहलाती
नहुष इनके जमाता शोभते
कार्तिक गणेश सूत कहलाते
आज अहो भाग्य हमारे है
सृष्टि के रूप निराले है
पंचाक्षरी मंत्र के आज जाप का
महत्व बड़े निराले है

--पंकज गोयल 
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-अजबगजब.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.