II महाशिवरात्रि II- कविता क्रमांक-3

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 03:14:10 PM

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Atul Kaviraje

                                           II महाशिवरात्रि II
                                            कविता क्रमांक-3
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मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर शिव तांडव स्तोत्र, शायरी एवं रचनाये.

                          महा शिवरात्रि कविता---

उसका तो ढंग निराला है
बाबा मेरा भोला भाला है

सर पर धारण की है गंगा
गले में नाच रहे हैं भुजंगा
माथे पर शोभित है चंदा
वनों में घूमे, मस्त मलंगा
पी लिया विष का प्याला है
बाबा मेरा भोला भाला है...

पर्वत पर डाला है डेरा
भूतों के संग करता बसेरा
भस्म लगाए, वो धूनी रमाए
श्मशानों में लगाता फेरा
ऐसा मेरा डमरू वाला है
बाबा मेरा भोला भाला है...

मन की सारी पूरी करता
झोली खुशियों की है भरता
सबके दुखों को भी है हरता
हर पल सबकी रक्षा करता
वो तो दीन दयाला है
बाबा मेरा भोला भाला है...


--AUTHOR UNKNOWN
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-लाईफ विंग्झ.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.