II महाशिवरात्रि II-लेख/कविता क्रमांक-1

Started by Atul Kaviraje, March 01, 2022, 04:32:43 PM

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Atul Kaviraje

                                         II महाशिवरात्रि II
                                       लेख/कविता क्रमांक-1
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मित्रो,

     आज दिनांक-०१.०३.२०२२ मंगलवार है. आज "महाशिवरात्री" है. "हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को पड़ने वाली शिवरात्रि महाशिवरात्रि कहा जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी भाई-बहन कवी-कवयित्रीयोको इस पावन रात्रिकी अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए, "ओम नमः शिवाय" मंत्र-उच्चारण करें और पढे, इस पावन रात्री पर शिव तांडव स्तोत्र, शायरी एवं रचनाये.

                     महाशिवरात्रि पर कविता

     शिवरात्रि हिन्दू का पवित्र त्योहार है । इस दिन भगवान शिव की पूजा,अर्चना की जाती हैं, उनके लिए व्रत भी रखा जाता है ओर मान्यता है की इस दिन मांगी हुई इच्छा अवश्य पूर्ण होती है। इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई देकर भी त्योहार हो अच्छे से मनाते है यही सब ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए लेकर आए हैं,

हे शिव जब सब ही तेरा हैं हे शिव जब सब ही तेरा हैं फिर जन जंग तेरा मेरा क्यो हर शासे हर धड़कन तेरी ब्ररहमाण्ड का हैं कन कन तू हर इक मे है तेरी शक्ती फिर मैं कर्ता मन भजता क्यू हे शिव जब सब ही तेरा हैं सुख भी तेरा दुख भी तेरा रात और प्रभात भी तेरी जीवन मिले या काल घिरे हो बढे इशारे पा कर तेरी फिर काहे भरमाए सुख मन दुख से आखिर डरता क्यो हे शिव जब सब ही तेरा हैं तूने रचा हर एक बनाया गोरा काला रूप करूप काटें पुष्प कमल और कीचड़ सागर लहरे छाया और धूप फिर काहे करे एक प्रेम दूजे से घ्रिणा मन करता क्यो हे शिव जब सब ही तेरा हैं   शिव के साथ चलता रहूंगा शिव के साथ चलता रहूंगा प्रेम बांटता रहूंगा ज्ञान पाता रहूंगा पवित्र बनने की कोशिश करूंगा अगर न कर पाया कोई भी कार्य तो करता रहूंगा एक ही कार्य शिव भक्ति फ़ैलाने का कार्य शिव को सबका बनाने का कार्य जब अंत समय निकट आएगा शिव का दिव्य विमान नज़र आएगा जाऊँगा शिव धाम की ओर शिव के हाथो में है मेरी डोर पाऊंगा शिव चरणों में स्थान महादेव है सबसे महान लुटा दू उनपे ये सारा जहाँ वो है मेरा अभिमान अंत में मोक्ष पा जाऊँगा फिर लौट कर इस दुनिया में नहीं आऊंगा अगर आना ही पड़ा इस दुनिया में तो शिव को साथ लेकर ही आऊंगा महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं माघ की महारात अद्भुत सौगात शिव से शिव का संवाद अनहद नाद पिंड से ब्रह्माण्ड तक ब्रह्माण्ड से पिंड तक विष का शमन ऊर्जा का ऊर्ध्वगमन महा शिव रात्रि कोई त्यौहार नहीं है केवल किसी उपासना का आधार नहीं है इस विज्ञान से भी बड़ा महा विज्ञान है पिंड में जीवन का एक मात्र संज्ञान है शिव की शक्ति शक्ति का शिव किसी की भक्ति किसी का इव सृजन का आधार संस्कृति का आभार प्रकृति का उद्धार अप्रकृति का संहार यह मृत्यु का जीवन है, अमृत का सागर है निशानिमन्त्रण है, आत्म नियंत्रण है विष है, सुधा है तृप्ति है, क्षुधा है आग्रह है, अबीर है सुख है, पीर है कुछ अंत है, कहीं अनंत है वही शिव है, वही संत है। अबकी फिर आयी है शिव की रात मन से देखें प्रकृति की बारात इस माघ की महानिशा बदलेगी दिशा उर्ध्वगामी ऊर्जा का प्रवाह संभावनाएं अथाह सुख की मात्रा महादेव की महायात्रा सती की आह गंगा का प्रवाह बिल्वपत्र से पलाश तक धरती से कैलाश तक ज्योतिर्पीठों के लिंग हिमग्राम का आत्मलिंग परमाणु से परमाणु तक महकाया से विषाणु तक संध्या से प्रभा तक क्लांति से आभा तक अर्चना आराधना उपासना साधना पूजा वंदना स्तुति अर्घ्य हवन और आरती अद्भुत है भारती पृश्नि ब्रह्माण्ड में जम्बू द्वीप में आर्यावर्त की यही तो शक्ति है संहार से पूर्व सृजन पोषण और संवेदना में जो समायी है यही शिवभक्ति है। Shiv Mahima अंत:शक्ति, शिव सबका संयोग। शिव को जो जपता रहे, सहे न कभी वियोग। शिव सद्गुण विकसित करें, जाग्रत मन-मस्तिष्क शिव की पूजन से बने, जीवन सुखद सुयोग। आत्मज्ञान और मुक्ति का, शिव हैं आत्मस्वरूप। शिव समान दाता नहीं, भक्ति-भोग अनुरूप। शिव के बिन तन शव रहे, मिले न मुक्ति मार्ग। शिव देवों के देव हैं, शिव शक्ति प्रतिरूप। शिव अभिषेक अमोघ है, हर्ता दुर्धर पाप। शिव पूजन मन से हरे, कोटि जन्म संताप। पुण्य संपदा और धन, शिव स्तुति परिणाम। बिल्वपत्र हरता सदा, दैहिक दैविक ताप। गुरुओं के भी हैं गुरु, शिव हैं मूलाधार। मन वांछित पूरित करें, शिव की शक्ति अपार। शिव आत्मा के अधीश्वर, शिव ऊर्जा के मूल। शिव परात्पर ब्रह्म हैं, शिव हैं जगत आधार। श्रावण माह में शिव कृपा, बरसे मेह समान। सोमवार का व्रत रखो, शिव को अपना मान। श्रावण में अभिषेक से, मिलते पुण्य हजार। जीवन को प्रगति मिले, मिलता सुख-सम्मान।


--AUTHOR UNKNOWN
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                        (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी जानकारी.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-01.03.2022-मंगळवार.