II होली II-लेख क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 01:18:34 PM

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Atul Kaviraje

                                             II होली II
                                           लेख क्रमांक-2
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, लेख, महत्त्व, जIनकारी, निबंध, शायरी, बधाई संदेश, शुभकामनाये एवं अन्य.

     होली रंगो का त्यौहार है और इस दिन अलग रंगों से खेलने की प्रथा है। होली कब है?, होली कहां मनाई जाती है?, होली किस दिन मनाई जाती है?, होली का त्योहार किस धर्म के लोग मनाते है?, होली के दिन किस देवता की पूजा की जाती है? और इस दिन किस वजह से होली का त्यौहार मनाए जाने लगा है?

     ऐसे तो बहुत से प्रश्न आपके दिमाग में उठते होंगे होली को लेकर तो उन सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख के माध्यम से मिल जाएंगे। होली से संबंधित सभी प्रश्नों के उत्तर आपको इस लेख मे दे दिये है। अगर कोई प्रश्न छूट जाए तो कमेंट के माध्यम से हमें बताएं।

                         होली पर लेख

     होली का त्यौहार सनातन धर्म में मनाया जाता है। होली के त्यौहार के पीछे बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। प्राचीन कथाओं के अनुसार होली के एक दिन पूर्व छोटी होली मनाई जाती है। इस दिन राजा हिरण्यकश्यप थे जो कि नास्तिक थे और वो भगवान में जरा सा भी विश्वास नहीं करते थे बल्कि स्वयं को भगवान मानते थे। लेकिन उनके पुत्र (Prahlada) प्रह्लाद जिनका भगवान विष्णु में अटूट प्रेम था लेकिन हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को बेहिसाब समझाया की विष्णु को भूल जा और मुझे अपना भगवान समझ लेकिन प्रहलाद नहीं माने और विष्णु जी की भक्ति में डूबे रहे और हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की बहुत कोशिश की लेकिन मार नहीं पाये क्योंकि भगवान विष्णु (नारायण) ने हमेशा ही अपने भक्त की रक्षा की और फिर एक दिन हिरण्यकश्यप की बहन होलिका जिसे भगवान भोलेनाथ का वरदान प्राप्त था की वो किसी भी अग्नि में जा सकती थी लेकिन उसे कुछ भी असर नहीं होगा।

     ऐसे ही होलिका ने अपने भाई के आदेश पर प्रह्लाद को अग्नि में लेकर बैठ गए और फिर भगवान विष्णु ने अपने भक्त की रक्षा की और होलिका आग में दहन हो गयी लेकिन प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ तभी से फागुन के माह में होलिका दहन होता है और फिर उसके अगले दिन होली खेली जाती है। होली में लोग अलग अलग रंगो से खेलते है और ये त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

     तो दोस्तो ये थी होली के त्यौहार की छोटी सी कहानी लेकिन आपकी उपयोगिता को समझते हुए मैंने होली पर निबंध 10 लाइन हिंदी में लिखी है जो की निम्नलिखित है। होली की सभी लाइन को आप कहीं भी प्रयोग कर सकते है।


--हिंदीपरिचय टीम
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदीपरिचय.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.