II होली II-होली के गाने-क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 02:19:08 PM

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Atul Kaviraje

                                             II होली II
                                            होली के गाने
                                              क्रमांक-5
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, कविताये,रचनाये,शायरी, राधा-कृष्ण शायरी, चित्रपट होली-गीत एवं अन्य.

          होरी खेले रघुवीरा Hori Khele Raghuveera – Baghban---

ताल से ताल मिले मोरे बबुआ..
बाजे ढोल मृदंग..
मन से मन का मेल जो हो तो..
रंग से मिल जाए रंग
हो.. होरी खेले रघुवीरा

होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा
होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा

अरे
होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा
होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा

हाँ हिलमिल आवे लोग लुगाई
हिलमिल आवे लोग लुगाई
हिलमिल आवे लोग लुगाई
भाई महलन में भीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा

अरे होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा
होली है..
होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा
अरे होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा

तनिक शर्म नहीं आये देखे नाहीं अपनी उमरिया
तनिक शर्म नहीं आये देखे नाहीं अपनी उमरिया
हो साठ बरस में इश्क लड़ाए
साठ बरस में इश्क लड़ाए
मुखड़े पे रंग लगाए, बड़ा रंगीला सांवरिया
मुखड़े पे रंग लगाए, बड़ा रंगीला सांवरिया
चुनरी पे डारे अबीरा अवध में
होरी खेरे रघुवीरा
अरे चुनरी पे डारे अबीरा अवध में
होरी खेरे रघुवीरा
अरे होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा

हाँ हिलमिल आवे लोग लुगाई
भाई महलन में भीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा होली है..
अरे होरी खेले रघुवीरा अवध में होरी खेले रघुवीरा

हे.. अब के फाग मोसे खेलो ना होरी
हाँ हाँ ना खेलब ना खेलब
तोरी शपथ मैं उमरिया की थोरी
हाय हाय हाय चाचा

देखे है ऊपर से, झांके नहीं अन्दर सजनिया
देखे है ऊपर से, झांके नहीं अन्दर सजनिया
उम्र चढ़ी है दिल तो जवां है
उम्र चढ़ी है भैया दिल तो जवां है
बांहों में भरके मुझे ज़रा झनका दे पैंजनिया
बांहों में भरके मुझे ज़रा झनका दे पैंजनिया

साँची कहे है कबीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा
अरे साँची कहे है कबीरा अवध में
होरी खेले रघुवीरा
अरे, होरी खेले रघु
हो.. होरी खेले रघुवीरा
अवध में होरी खेले रघुवीरा
होरी खेले रघुवीरा
अवध में होरी खेले रघुवीरा


--संकलक-के.सूरज
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-लैरिकस करंच.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.