II होली II-होली गीत क्रमांक-8

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 02:41:53 PM

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Atul Kaviraje

                                           II होली II
                                     होली गीत क्रमांक-8
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, कविताये,रचनाये,शायरी, राधा-कृष्ण शायरी, चित्रपट होली-गीत एवं अन्य.

                    श्यामा भर दे गगरिया हमारी होली गीत लिरिक्स

     यहाँ आपको Shyama Bhar De Gagariya Hamari Holi Song Lyrics, पारम्परिक होली गीत लिरिक्स -श्यामा भर दे गगरिया हमारी लिरिक्स का पूरा लिरिक्स यहाँ दिया गया है –

श्यामा भर दे गगरिया हमारी,
कहत ब्रज नारी ||

श्यामा भर दे
गगरिया हमारी,
कहत ब्रज नारी

श्यामा भर दे भर दे – 2

श्यामा भर दे गगरिया हमारी, कहत ब्रज नारी ||

अरे हमसे चढ़ा जात नही मोहन,
गंगा उंच अटारी,
पाँव धरत जियरा मेरो डरपत,
दूजे पाँव में पायल भारी, कहत ब्रिज नारी ||

अरे गागर भरे करे रस बातें,
मदन रात अंधियारी कहत बृज नारी ||

भर के गागर धरत उर ऊपर,
मोरे आँचल छुअत बिहारी कहत ब्रजनारी ||

अरे तू त छोरा नंदलाल बाबा के,
मैं वृषभान दुलारी,

कहे छुअत बदन हमारी कहत ब्रिजनारी ||

काहे छुअत छुअत – 2

काहे – छुअत
बदन हमारी कहत ब्रिजनारी ||

श्यामा भर दे गगरिया हमारी,
कहत ब्रज नारी ||

श्यामा भर दे
गगरिया हमारी,
कहत ब्रज नारी

श्यामा भर दे भर दे – 2

श्यामा भर दे गगरिया हमारी, कहत ब्रज नारी ||


--संकलक-पवन शास्त्री
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-सुरसरिता टेक्नो.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.