II होली II-राधा कृष्ण होली शायरी-क्रमांक-4

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 03:04:40 PM

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Atul Kaviraje

                                             II होली II
                                        राधा कृष्ण होली शायरी
                                              क्रमांक-4
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मित्रो,

      कल दिनांक-१७.०३.२०२२, गुरुवार था.  "होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिस हर धर्म के लोग पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन खोलकर भाई-चारे का संदेश देता है। ". हिंदी कविताके मेरे सभी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको होली के इस पावन पर्व की अनेक हार्दिक शुभकामनाये. आईए पढते है, कविताये,रचनाये,शायरी, राधा-कृष्ण शायरी, चित्रपट होली-गीत एवं अन्य.

सुनो कन्या जहाँ से तेरा मन करे
मेरी ज़िन्दगी को पड़ लो पन्ना चाहे
कोईं भी खोलो हर पन्ने पर
तेरा नाम होगा मेरे कान्हा||

जब तू सहायता मागते हो
और जब तुझे सहायता मिलती भी है
तब समझ लेना वह सहायता कही
और से नहीं तुम्हे भीतर से ही मिलती है
क्यों की मैं और कही नहीं
तुम्हारे भीतर ही हूँ,
जय राधे कृष्णा जय राधे कृष्णा||

झुकी झुकी पलकें हैं चेहरे पे कितना नूर है
ज़ालिम की सादगी में भी देखो
यारों कितना गुरूर है
राधा कृष्णा राधा कृष्णा

प्यार का पहला
इश्क का दूसरा
और मोहब्बत का तीसरा
अक्षर अधूरा होता है
हम कृष्णा दीवाने है
क्यों की दीवानों का
हर अक्षर पूरा होता है।
वो जमुना तट फेरे लगाये,
गोपियों के संग रास रचाये,
जिसकी दीवानी है,
ब्रिज की हर बाला,
वो कृष्णा है।

राधा की चाहत है कृष्णा,
उसके दिल की विरासत है कृष्णा,
चाहे कितना भी रास रचा ले कृष्णा,
दुनिया तो फिर भी यही कहती है,
की राधा के बिना अधुरा है कृष्णा....

ओ कान्हा मार दे मुझ पर पिचकारी की धार
कर दे मुझ पर तू प्यार के गुलाल की बोछार
कर दे सराबोर पूरा मेरे तन-बदन को ऐसे
भीग जाए मेरा तन-मन सूखी जमीन के जैसे.


--AUTHOR UNKNOWN
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                   (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-भक्ती की शक्ती.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.