II रंगपंचमी II-शुभकामनाये शायरी क्रमांक-5

Started by Atul Kaviraje, March 18, 2022, 09:04:07 PM

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Atul Kaviraje

                                            II रंगपंचमी II
                                    शुभकामनाये शायरी क्रमांक-5
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मित्रो,

     आज दिनांक-१८.०३.२०२२, शुक्रवार, रंगपंचमीका रंगीत दिन है. "हर साल धुलेंडी यानी रंगों वाली होली से एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। फिर होली वाले दिन रंग-गुलाल के साथ होली खेली जाती है। इस साल यानी साल 2022 में 17 मार्च को होलिका दहन होगा और इसके बाद 18 मार्च को होली मनाई जाएगी। होली के पांचवें दिन यानी चैत्र कृष्ण पंचमी को रंगपंचमी का त्योहार मनाया जाता है।" मराठी कविताके मेरे सभी हिंदी भाई-बहन, कवी-कवयित्रीयोको इस रंगीन पर्व कि हार्दिक शुभकामनाये. आईए, पढते है इस दिवस का महत्त्व, लेख, निबंध, शुभकामनाये, शायरी, बधाई संदेश एवं अन्य जIनकारी--

भंग के नशे में झूमे सारी दुनियाँ
कौन मेरा कौन तेरा भूले सारी दुनियाँ
यही तो हैं मेरे देश की खूबियाँ
त्यौहारों के संग झूमे पूरी दुनियां
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रंगो से सजे सभी का द्वार
किशन कन्हैया बंसी बजाये
हो जगत उद्धार
शुभ हो रंगपंचमी का त्यौहार
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जीवन में हैं अनेक रंग
मिलते हैं जो हर तरंग
भर दे जो प्रेम के रंग
वही हैं त्यौहरो के सच्चे रंग
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रंगों के त्यौहार में नाच रहा हैं मन
आस लगाये राह तक रहा हैं मन
हे ईश्वर कर ऐसी रंगो की बौछार
खुशियाँ ही खुशियाँ हो आज मेरे द्वार
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अपनों के प्रेम में सराबोर हैं मन
सदा बना रहे यह प्रेम
बस यही हैं अभिनन्दन
हैप्पी रंगपंचमी
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तरह- तरह के रंगों का मेला
चारों तरफ हैं शौर शराबा
घरों में महके पकवानों की खुशबू
मिलेंगे पुराने यार बस यही हैं आरज़ू
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इस बार रंगों का नया हैं रंग
साथ हैं मेरी नयी नवेली दुल्हन
मनायेंगे ऐसी होली
खुश हो जायेगी घरवाली
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चलो खेले ऐसे रंग
ना कर पाये कोई भेद
मिल जाए जब दिल से दिल
तब सजे ख़ुशियाँ हर एक दिन
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ना रंगों का रहा मुझे कोई जोश
न पकवानों का कोई शोक
मुझे बुलाता हैं बस अपनों का प्यार
जब मनाते थे होली मिलकर सभी यार
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रंग पंचमी के वो दिन याद आते मुझे
जब भाई सब सताते मुझे
अब वो बचपन की होली कभी ना सजे
बस अपनों की यादे मेरे कानों में बजे
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--कर्णिका
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                     (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-दीपावली.को.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.03.2022-शुक्रवार.