" चल ,बुध्द की ओर " !!!

Started by Ashok_rokade24, March 19, 2022, 11:06:04 AM

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Ashok_rokade24

अज्ञान के छाये है बादल ,
छाया है अँधेरा घनघोर ,
जिवन होगा ऊजला सारा ,
साथी अब चल बुद्ध की ओर ॥

ऊँच निच की बोलकर बोली,
क्यूँ सन्मान अपना खोते हो ,
त्याग दो अपने अहँकार को,
बढ अब मानवताकी ओर ॥
साथी अब  चल............ ॥

भूल गये थे इन्साँन है हम ,
जीवन बदतर जिते रहे,
दियाँ सहारा हमे भीमजीने ,
लेकर चले प्रगती की ओर ॥
साथी अब  चल............ ॥

दीक्षा पाकर बुद्ध धम्म की ,
जीवन नयाँ हमने पायाँ है ,
पार कियाँअज्ञान का जंगल ,
चले है ज्ञान सुर्य कीओर ॥
साथी अब  चल...........॥

न कोई परायाँ कोईअपना,
है जरूरी मिलकर रहना ,
छोड दो युध्दअपनालो बुद्ध ,
मिलकर चले शाँती कीओर ॥
साथी अब  चल............  ॥

संदेश बुद्धका, मानवताका ,
प्रज्ञा,शील,करूणा,शांतीका,
मिटे भेदभाव बने भाईचारा,
चलो चले इसी राह की ओर ॥
साथी अब  चल............  ॥

अशोक मु.रोकडे .
मुंबई.  29/08/2021 .