वास्तव चारोळ्या-झुरतेय पोस्टाची लाल पेटी,पत्रांचा अभाव तिचे पोटी

Started by Atul Kaviraje, April 08, 2022, 11:22:16 PM

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Atul Kaviraje

    विषय  : पोस्टाच्या  लाल -पेटीला  कायमचे  टाळे  लागले  ?
                      वास्तव  मार्मिक  चारोळ्या
       "झुरतेय पोस्टाची लाल पेटी,पत्रांचा अभाव तिचे पोटी !"
                            (भाग-१)
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(1)
दुनियेभर  पसरलाय INTERNET-चा अजब  खेळ
साऱ्या  गोष्टींचा  जमत  चाललाय मेळ
एकमेकांना  "चिट्ठ्या"  लिहायचे  विसरलेत , FEMALE अन MALE ,
आता COMPUTAR-वरच  होतंय , गुलुगुलु CHATTING अन E-MAIL.     

(2)
नाक्या -नाक्यांवरच्या  "लाल  पेट्यांचा"  रंग  उडाला  होता
POSTMAN शेजारीच  येरझाऱ्या  घालीत  होता
सकाळपासून  कुणीच  नव्हते  आले  "पत्र"  टाकण्यास ,
आठवड्याचा  आजचा  सातवा  दिवस  होता .

(3)
"POSTMAN"- ची  नोकरी  आज  धोक्यात  येत  चाललीय
POST-OFFICE-स  हळूहळू  बंद  पडत  चाललीत
पोस्टाचे  सारेच  व्यवहार  ठप्प  होऊन ,
"लाल" -रंगाची  "पेटी" -बाई  उदास , गप्प  राहू  लागलीय .

(4)
"पोस्टाच्या  लाल -पेटीचे"  तारुण्य  केव्हाच  विझलंय
आता  रंग  उडालेल्या  म्हातारपणाच्या  खुणांनी  सजलंय
तो  तेव्हाचा  तरुण "POSTMAN" प्रियकरही  वृद्ध  झालाय ,
पण  अजूनही  त्याची  दिवसातली  एक  फेरी  नाही  चुकलीय .

(5)
आज  "पोस्टाच्या  पेटीचे"  पोट  खपाटीस  गेलंय
अहर्निश  तिचा  रतीब  सुरु  होता  केव्हातरी
तुडुंब  पोट  भरून  "पत्रांनी" , ती  सुस्तावत -सुखावत  होती ,
आज  तिची  अवस्था  अर्धपोटी , अक्षरशः  उपाशीच  होती . 


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.04.2022-शुक्रवार.