IIओम सूर्याय नमःII-श्री सूर्यदेव अमृतवाणी-क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, April 10, 2022, 07:24:36 PM

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Atul Kaviraje

                                       IIओम सूर्याय नमःII
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज रविवार. तेजोमय भास्कराचा वार. आज ऐकुया, सूर्यदेव अमृतवाणी .


                                     श्री सूर्यदेव अमृतवाणी
                                           क्रमांक-2
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श्रद्धा है यदि जाप में, तब पूरण सब काज,
है विश्वाश से हर्षाते, आदित्य महाराज,
सूर्य देव के तीन रूप, सुबह दोपहर शाम,
जनहित में तत्पर रहे, दयालु आठों याम,
सूर्य देव की महिमा से, शुभ मंगल बरसे,
शुभ शुभ चारों ओर हो, सूर्य देव हर्षें,
अँधियारा अज्ञान है, उजियारा है ज्ञान,
ज्ञानी बनके हो यहाँ, रस्सी साँप का भान,
जय जय सूर्य भगवान्,
जय जय सूर्य भगवान,

तू समस्त ब्रह्माण्ड को रौशन करते हो,
बुद्धिहीन मेंज्ञान का प्रकाश भरते हो,
साथ घोड़ों के रथ की करते असवारी,
सप्त रंगी है प्रभु, लीला जग न्यारी,
ज्ञान बाँटते रहते हैं देव जी आठों याम,
अज्ञानी चतुर हुआ, जपा जो तेरा नाम,
आपके तेज़ की आभा जो, हमकों मिल जाएँ,
अंधियारे के भ्रम सभी, एक पल में मिट जाएँ,
जय जय सूर्य भगवान्,
जय जय सूर्य भगवान,


--पामेला जैन
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              (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-लैरिकस पंडितस.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.04.2022-रविवार.