बस-सेवा चारोळ्या-लालपरीचा प्रवास सुखदायी झालाय,प्रवाश्याना तिचा अंदाज भावलाय

Started by Atul Kaviraje, April 25, 2022, 04:48:31 PM

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Atul Kaviraje

                   विषय :लाल -परीची  (बसची) अथक  सेवा
                           वास्तव  बस -सेवा  चारोळ्या
      "लालपरीचा प्रवास सुखदायी झालाय,प्रवाश्याना तिचा अंदाज भावलाय"
                                    (भाग-१)
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(1)
"लालपरी"  रस्त्यावरून  उडत  चाललीय
जणू  काही  ती  वाराच  प्यायलीय
पंख  पसरून , जलद  गतीने ,
"प्रवाश्याच्या  सेवेस"  तयार  झालीय .

(2)
दशकानुदशके  "बसची"  ही  धावणारी  चाके
अथक ,निरंतर,  गोलाकार ,चक्राकार
आज  "बसचा"  सारा  नूरच  बदललाय ,
या  "लालपरीला"  नवा  रंग  आलाय .

(3)
ST, BEST - चा  हा   जुना  उपक्रम
"प्रवाश्यांच्या"  "सेवेस"  सदैव  तयार
असो  दिवस  अथवा  असो  रात्र ,
उसंत  नाही  या  "लालपरीला"  क्षण -मात्र .

(4)
काल  होती  धावत  रस्त्यावरून
आजही  ती  अथक  "सेवा"  देतेय
भविष्यातील  वाटचाल  अजुनी  होईल  सुकर ,
फक्त  "प्रवाश्यांचेच"  ती  हीत  पाहतेय .

(5)
कधी  मागण्यांसाठी  पुकारला  जातोय  बंद
इतकाच  काय  तो  "सेवेत"  खंड पडतोय
मागण्या  पूर्ण  होताच  उत्साहाने , उमेदीने ,
चालक  'लालपरीचे"  चाक  पुन्हा  हाती  घेतोय .


-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.04.2022-सोमवार.