IIओम सूर्याय नमःII-श्री सूर्याष्टकम (1)

Started by Atul Kaviraje, May 08, 2022, 03:44:36 PM

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Atul Kaviraje

                                        IIओम सूर्याय नमःII
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज रविवार. तेजोमय भास्कराचा वार. आज ऐकुया, श्री सूर्याष्टकम.

     यहाँ Surya Ashtakam Lyrics श्री सूर्याष्टकम लिरिक्स अर्थ सहित और इसे हिंदी व English में भी दिया जा रहा है और उम्मीद है कि यह Surya Ashtakam Lyrics श्री सूर्याष्टकम लिरिक्स अर्थ सहित आपके लिए यह Article Helpful है |

     इस Surya Ashtakam Lyrics With Meaning श्री सूर्याष्टकम लिरिक्स अर्थ सहित का प्रति रविवार सुबह जल्दी उठकर सनान के उपरांत पाठ किया जाए तो जल्दी फल मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। पुराणों में इस पाठ को तुरंत फल देने वाला बताया गया है।

                                       श्री सूर्याष्टकम (1)
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आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर |
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोऽस्तु ते ||1||

भावार्थ: हे आदि देव भास्कर आपको प्रणाम है, आप मुझ पर प्रसन्न हों, हे दिवाकर आपको नमस्कार है, हे प्रभाकर आपको प्रणाम है |

सप्ताश्व रथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् |
श्वेत पद्माधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ||2||

भावार्थ: सात घोड़ों वाले रथ पर आरुढ़, हाथ में श्वेत कमल धारण किये हुए, प्रचण्ड तेजस्वी कश्यपकुमार सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ |

लोहितं रथमारूढं सर्वलोक पितामहम् |
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ||3||

भावार्थ:लोहितवर्ण रथारुढ़ सर्वलोकपितामह महापापहारी सूर्य देव को मैं प्रणाम करता हूँ|

त्रैगुण्यश्च महाशूरं ब्रह्माविष्णु महेश्वरम् |
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ||4||

भावार्थ: जो त्रिगुणमय ब्रह्मा, विष्णु और शिवरूप हैं, उन महापापहारी महान वीर सूर्यदेव को मैं नमस्कार करता हूँ |

बृहितं तेजः पुञ्ज च वायु आकाशमेव च |
प्रभुत्वं सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ||5||

भावार्थ: जो बढ़े हुए तेज के पुंज हैं और वायु तथा आकाशस्वरुप हैं, उन समस्त लोकों के अधिपति सूर्य को मैं प्रणाम करता हूँ |

                       विशेष:-

     सूर्यदेव का यह पाठ आपकी ज़िंदगी में व्यवसाय या शिक्षा सम्बन्धी रुकावटों को दूर करते हैं। अगर प्रति रविवार उनका सूर्याष्टकम का पाठ करें और दूध -मिश्री का भोग लगा कर पूजन करें तो तुरंत ही नौकरी लगने की संभावना होती है।

     नीचे दिया गया पवित्र सूर्याष्टक का पाठ है जो अर्थ सहित है ।

     इसका प्रति रविवार सुबह जल्दी उठकर सनान के उपरांत पाठ किया जाए तो जल्दी फल मिलने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। पुराणों में इस पाठ को तुरंत फल देने वाला बताया गया है।


                    (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-सुरसरिता टेक्नो.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-08.05.2022-रविवार.