चारोळी पावसाची-क्रमांक-१-पाऊस व माळीदादा

Started by Atul Kaviraje, June 11, 2022, 12:59:11 AM

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Atul Kaviraje

                                         चारोळी पावसाची
                                             क्रमांक-१
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     परवापासून  म्ह्णणजे  दिनांक -०९.०६.२०२२ -गुरुवार  पासून,  माझ्या  ठाणे  शहरी  संध्याकाळी  पावसाची  सुरवात  झाली  आहे .ढगांच्या  गडगडाटाच्या  आणि  विजेच्या  झगमगाटाच्या  पार्श्वभूमीवर  पावसाने  उत्तम  ठेका  धरला  आहे . तेव्हा  ऐकुया  आजपासून पावसावर एक चारोळी .

     या  विनोदी  पाऊस  - चारोळीची  कल्पना  अशी  की , हा  बागवान , म्हणजे  माळीदादा  बागेस , वाटीकेस  अथक  पाणी  सिंचून , फुल -झाडांना  पाणी  देऊन , वृक्ष -राजींस  पाणी  घालून , ८  महिने  इतका  कंटाळलेला  असतो . त्याचे  ते  आवडते  काम  असले  तरीही  शेवटी  तोही  एक  माणूसच  आहे . बदल  हा  सर्वाना  प्रिय  असतो . तेव्हा  हा  माळीदादा  जेव्हा  पर्जन्यराजाचे  आगमन  होते , तेव्हा  इतका  खुश  होतो , अगदी  मोरासारखा  थुई -थुई  नाचू  लागतो , त्याचे मन नर्तन  करू  लागते . कारण  आता  त्याचे  पुढील  ४  महिने  बागेस  पाणी  घालण्याचे  श्रम  हा  पाऊस  वाचवणार  असतो .

     तर  असा  हा  परोपकारी  पाऊस  भू -तलावर  येऊन  सर्वांवर  उपकार  करता  करता  माळीदादांवरही  उपकार  करण्यास  बिलकुल  विसरत  नाही . सर्वांना  तो  एकाच  नजरेने  पाहतो . माळीदादास  आता  गावाकडच्या  घराची , कुटुंबाची  सतत  आठवण  येऊन  राहिली  आहे . कधी  एकदा  पाऊस  येतो , कधी  एकदा  तो  सारी  धरा  भिजवून  टाकतो , कधी  एकदा  तो  माझी  बाग  भिजवतो , आणि  मला  या  माळी -कामातून  थोडी-थोडकी  का  होईना  सूट  देतो , असे  होऊन  जाते . आणि  त्याला  पाहताच  माळीदादाचे  डोळे  पाण्यानी  भरून  येतात , अगदी  शेतकऱ्यांसारखेच . तो  पावसाचे  धन्यवाद  मानतो , आणि  आपल्या  स्वकीयांची , मुला -बाळांची  भेट  घेण्यास  गावच्या  दिशेने  कूच करतो. 

      पाऊस  व  माळीदादा
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आगमन  होता  पर्जन्यराजाचे
माळी -दादा  खूप  खुश  होतो
चला  सुट्टी  मिळाली  ४  महिने ,
म्हणत  चक्क  गावाकडे  पळतो .
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-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-11.06.2022-शनिवार.