IIश्री गणेशाय नमःII-संकष्टी चतुर्थी-श्री गणेश गीत-तूच सुखकर्ता तूच दुखहर्ता

Started by Atul Kaviraje, July 16, 2022, 08:07:43 PM

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Atul Kaviraje

                                    IIश्री गणेशाय नमःII
                                       "संकष्टी चतुर्थी"
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज  दिनांक-16.07.2022-शनिवार., संकष्टी चतुर्थीचा पावन दिन आहे . श्री गणेश चरणी वंदन करून, ऐकुया गणेश संकष्टी चतुर्थी गीत - "तूच सुखकर्ता तूच दुखहर्ता"

     चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 16 जुलाई दिन शनिवार को दोपहर 1:27 से प्रारंभ होकर 17 जुलाई दिन रविवार को सुबह 10:49 तक रहेगा.

     Sankashti Chaturthi Vrat 2022: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य देवता के रूप में जाना जाता है. इनकी पूजा करने से समस्त संकटों से मुक्ति मिल जाती है.

     Sankashti Chaturthi in July 2022, Puja Vidhi:  संकटहर्ता विघ्नहर्ता भगवान गणेश की उपासना करने से मनुष्य के समस्त शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं. हर महीने में दो बार चतुर्थी पड़ती है. एक बार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी जिसे वैनायिकी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है. दूसरी बार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी जिसे संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) के नाम से जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की विधिवत पूजा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है. मनुष्य की समस्त मनोकामना पूरी होती है.

    जुलाई महीने में कृष्ण पक्ष के संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) रविवार 17 जुलाई 2022 को मनाई जाएगी. चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 16 जुलाई दिन शनिवार को दोपहर 1:27 से प्रारंभ होकर 17 जुलाई दिन रविवार को सुबह 10:49 तक रहेगा.

     संकष्टी चतुर्थी की पूजा विधि और रोचक कथा. (Sankashti Chaturthi Puja vidhi Katha)---

     संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2022) के दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है. प्रातः काल स्नान करके भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. फूल, माला, अक्षत चढ़ाकर गणेश भगवान की पूजा करें, और आरती उतारे. भगवान को मोदक अत्यधिक प्रिय है. मोदक का भोग लगाएं और दूर्वा घास अर्पित करें. इससे भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है. मनुष्य के सभी संकट दूर हो जाते हैं.

     भगवान गणेश को संकटहर्ता क्यों कहा जाता है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा है. एक बार भगवान शिव और माता पार्वती जंगल में चौपड़ का खेल खेल रहे थे. दोनों अकेले थे. इसलिए मां पार्वती ने कहा कि हार और जीत का निर्णय करने के लिए किसी तीसरे का होना आवश्यक है. इसलिए उन्होंने माटी की एक बालक की मूर्ति बनाई और उसमें प्राण फूंक दिए. चौपड़ के खेल में उस बालक ने निर्णायक की भूमिका दिखाई.

     गलती से एक बार माता पार्वती को हारा हुआ घोषित कर दिया. जिससे क्रोधित होकर माता पार्वती ने उसे श्राप दे दिया और वह बालक लंगड़ा हो गया. बालक के क्षमा मांगने पर माता पार्वती ने कहा कि- दिया हुआ श्राप तो वापस नहीं हो सकता है. लेकिन अगर तुम गणेश की प्रार्थना करो तो तुम्हारे संकट जरूर दूर हो जाएंगे. तभी से ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की प्रार्थना करने से शारीरिक और मानसिक संकट दूर हो जाते हैं.

                     (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-ए.बी.पी.लाईव्ह.कॉम)
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                                       श्री गणेश गीत
                                "तूच सुखकर्ता तूच दुखहर्ता"
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गणपती बाप्पा मोरया
मंगलमूर्ति मोरया

तूच सुखकर्ता तूच दुखहरता
अवघ्या दिनांच्या नाथा
बाप्पा मोरया रे

बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा

पहा झाले पुरे एक वर्ष
होतो वर्षाने एकदाच हर्ष

गोड अन्नाचा होतो रे स्पर्ष
घ्यावा जाणूनी हा परामर्ष
पुर्या वर्षाची साऱ्या दुःखाची
वाचावी कशी मी गाथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे

चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा

आली कशी पहा आज वेळ
कसा बसावा खर्चाचा मेळ
गुळ फुटाणे खोबरं न केळ
साऱ्या प्रसादाची केली भेळ
करू भक्षण आणि रक्षण

तूच पिता तूच माता
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे

चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा

नाव काढू नको तान्दुळाचे
केले मोदक लाल गव्हाचे
हाल ओळख सार्या घराचे
दिन येतील का रे सुखाचे
सेवा जाणुनी गोड मानुनी
द्यावा आशिर्वाद आता

बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा

बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा
बाप्पा मोरया रे
बाप्पा मोरया रे
चरणी ठेवितो माथा

गायक- प्रल्हाद  शिंदे
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-16.07.2022-शनिवार.