वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-१-अंधेरी रात में दूधिया बारिश

Started by Atul Kaviraje, July 24, 2022, 02:01:41 AM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                      "वर्षा ऋतु कविता"
                                         कविता-पुष्प-१
                                      -----------------

मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते -तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                               "अंधेरी रात में दूधिया बारिश"
                              ---------------------------

अंधेरी रात में सड़कों पर दूधिया बारिश हो रही है
और

लोग अपने-अपने बिस्तरों पर
लिहाफ़ों में दुबके
नींद आने से पहले
उन पहाड़ों के बारे में सोच रहे हैं
जिनकी ऊँचाइयों तक
बादल कभी नहीं पहुँच पाते। छत से

परे के आकाश को वे सिर्फ़ सपनों में
मंज़ूर करेंगे। और
सबेरे तक
वे पंख झड़ चुकेंगे
जिनके सहारे उन्होंने अतीत और भविष्य के बीच
उड़ानें भरी होंगी
रात में.


--कवी-वेणु गोपाल
(रचनाकाल :12.09.1975)
--------------------------

                                   (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                        (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
                       -----------------------------------------


-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.07.2022-रविवार.