वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-7-कई दिनों से जारी लंबी बारिश

Started by Atul Kaviraje, July 30, 2022, 01:06:53 AM

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Atul Kaviraje

                                     "वर्षा ऋतु कविता"
                                       कविता-पुष्प-7
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते -तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                "कई दिनों से जारी लंबी बारिश"
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कई दिनों से जारी लंबी बारिश
शाम अंततः खुल गई

पहले तो आसमान
थोड़ी देर तक
मटमैला बना रहा
फिर तारों से
गिझिर-मिंझिर भर गया

हँसुली के आकार का
वह पीला-सा परचट्ट चाँद
कई दिनों की
गहरी नींद सोकर उठा
और हड्डियाँ चटख़ाता
लड़खड़ाता शराबियों की तरह
कच्ची सड़क के किनारे
अछूतों की बस्ती से सटकर खड़े
कमर झुके बीसियों साल पुराने
एक ताड़ के कंधे पर चढ़कर
चमकने लगा।

दुनिया पहले की तरह ही
स्त्रियों, बच्चों, ठेलेवालों
भोटियावालों, व्यापारियों
पापियों, सायरनों
और मेंढकों की आवाजों से
धीरे-धीरे धूसर होनी शुरू हुई

कि अचानक बौछारें
फिर तेज़ हुईं
और सारा का सारा दृश्य
मिनटों में मिटता चला गया।

--शुभेश कर्ण
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                                   (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                       (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-30.07.2022-शनिवार.