बालीश मन हे

Started by Sanjay Makone, August 10, 2022, 02:53:49 PM

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Sanjay Makone

बालीश मन हे बागडे अंतरी 
मनी सदा दरवळे प्रेम गंध,
तूच सख्या आहे चित्ती सर्वथा
जपले पवित्र हे मैत्रीचे बंध........संजय माकोणे   

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