II दुर्गा देवी माँ प्रसन्न II-दुर्गा देवी माँ भजन-माँ तेरी ज्योत जला रखी है

Started by Atul Kaviraje, August 12, 2022, 12:47:19 AM

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Atul Kaviraje

                                   II दुर्गा देवी माँ प्रसन्न II
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मित्र/मैत्रिणींनो,

     आज शुक्रवार. देवीचा वार. आज ऐकुया,  माँ दुर्गा भजन .या भजनIचे बोल आहेत- "माँ तेरी ज्योत जला रखी है "

     Maa Teri Jyot Jala Rakhi Hai Durga Hindi Bhajan Lyrics Sung By : Chhappan Indori ( Guru Maharaj Ji ) This version of song is written by Brajmohan choukse Maa Teri Jyot Jala Rakhi Hai Durga Hindi Bhajan Lyrics Publisher : Chhappan Indori ( Guru Maharaj Ji ) It is written very beautifully, if you like this song, then share it with others, share it with your friends or Facebook or Whatsapp and give us support.

     Songs Info : बहुत ही सुन्दर गाना हैं Maa Teri Jyot Jala Rakhi Hai Durga Hindi Bhajan Lyrics | माँ तेरी ज्योत जला रखी है दुर्गा हिंदी भजन लिरिक्स जिसे लिखा हैं Brajmohan choukse और गया हैं Chhappan Indori ( Guru Maharaj Ji ) बहुत ही सुन्दर तरह से लिखा गया हैं अगर ये गाना आपको अच्छा लगा तो दुसरो के साथ भी शेयर करे अपने दोस्तों या Facebook या Whatsapp पर शेयर करे और हमें सहयोग प्रदान करे .

                                     दुर्गा देवी माँ भजन
                                "माँ तेरी ज्योत जला रखी है"   
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पूजा की थाली सजा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है,
मन मंदिर में बसा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है....

है माँ जुबा पर जब भी तेरा नाम आता है,
तब ये दिल मेरा बहक जाता है,
और तुझे पाने के लिए कुछ भी कर जाऊँगा,
एक बार दर्श दिखा दे वरना रो रो के मर जाऊंगा...

सजाया जगराता भवनी आजाओ,
शरण मे बैठे है दरश दिखला जाओ,
तुम्हारे दर्शन को मेरा मन रोता है,
दिखा दो सूरत माँ हमे न तरसाओ...

आज न आई जो जगदम्बा होगी तू बदनाम,
होगी तू बदनाम,
राह में पलके बिछा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है...

तेरे दर से दाती मैं मशहूर हो गया,
इतना रोया की गम सारा दूर हो गया,
और मुझे काँच समझ कर दुनिया ने फेक दिया,
तेरे चरणों मे आकर मैं कोहिनूर हो गया...

दीवाना तेरा हूँ तेरे दर आया हूँ ,
बड़ी मुश्किल से माँ पता में पाया हूँ,
रहूँगा चरणों मे कही न जाऊँगा,
जमाने की ठोकर बड़ी में खाया हूँ,
बिगड़ी बना दे ओ जगदम्बा मैने लिया तेरा नाम...

मैने लिया तेरा नाम,
नज़रे क्यों हमसे हटा रखी है,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है...

तेरी चौखट पर आना मेरा काम है
मेरी बिगड़ी बनाना तेरा काम है,
छोड़ दी कश्ती मैंने तेरे नाम पर,
अब इसे किनारा लगाना तेरा काम है...

सुना है चरणों मे तेरी जो आता है ,
ज़माने की खुशियां यहीं से पाता है,
मुरादे मन की तू सभी को देती है,
तेरी चौखट से वो न खाली जाता है...

लाज रखे भगतो की भवानी बिगड़े बनाये काम,
बिगड़े बनाये काम,
हमने भी अर्जी लगा रखी है माँ तेरी ज्योत जला रखी है...

कश्ती मेरी मझधार में जब भी गोते खाती है,
तब मेरी माँ दौड़ी आती है
मुझे फर्क नही पड़ता ये दुनिया क्या कहती है
मैं अपनी माँ का बेटा हूँ बस ये बात मुझे भा जाती है...

तुम्हारा बेटा हूँ मुझे न ठुकराना,
मुसीबत आयी है यही पर तुम आना,
छुपालो आँचल में बना दो बिगड़ी माँ,
तुम्हारा प्रेमी हूँ ये झोली भरदो माँ,
सबसे आला सबसे निराला मय्या तेरा धाम,
मय्या तेरा धाम,
भजनों की गंगा बहा रखी है ,
माँ तेरी ज्योत जला रखी है...

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गायक : छप्पन  इंदोरी (गुरु महाराज जी)
गीतकार  : ब्रजमोहन  चौकसी   
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                      (साभार आणि सौजन्य-संदर्भ-भक्तिगाने.इन)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-12.08.2022-शुक्रवार.