वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-26-नींद में हो रही बारिश

Started by Atul Kaviraje, August 18, 2022, 01:05:56 AM

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Atul Kaviraje

                                     "वर्षा ऋतु कविता"
                                      कविता-पुष्प-26
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते-तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                   "नींद में हो रही बारिश"
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ख़्वाब सच हों, है हँसी हर चन्द कोशिश
नींद ही में हो रही है कहीं बारिश

रात, काली रात
उजली-सी पहाड़ी
खिलखिलाकर हँस रहा
मौसम अनाड़ी
बीच जंगल में कहीं पर
रुकी गाड़ी
जुगनुओं की जल रही बुझ रही माचिस

साँवले-से
रोशनी के हैं इशारे
हवा चलती
पेड़ होते हैं उघारे
घाटियों से ही
नदी का घर पुकारे
हर लहर शोला कि है हर लहर आतिश

लड़कियों से
झील-झरने खेत हारे
फूल अपनी पत्तियों को
आँख मारे
ओट में शरमा रहे हैं
गीत सारे
पढ़ रहे हैं सोबती का 'दिलो-दानिश'

--यश मालवीय
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                                 (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                      (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-18.08.2022-गुरुवार.