वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-28-पहली वर्षा

Started by Atul Kaviraje, August 20, 2022, 01:07:47 AM

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Atul Kaviraje

                                      "वर्षा ऋतु कविता"
                                       कविता-पुष्प-28
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते-तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                        "पहली वर्षा"
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मौसम की पहली वर्षा पर
कुछ तुम लिखो
इससे पहले
बूँदें कुछ बेहतर लिख जातीं
अक्षर-अक्षर जोड़-जोड़ कर
धरती की कोरी तख़्ती पर
बूँदों ने हरियाली लिख दी

धरती की सोई सोंधी ख़ुशबू
उठ बैठी ले अंगड़ाई
चातक का सस्वर स्वाति-पाठ
वन-प्रान्तर का आतप हरती
शीतल फुहार

पहली जलधारा के स्वागत में
मल्हार राग के स्वर जागे
वीणा झंकृत
नाना रंगों के स्वप्न
हुए साकार ।

--पूरन मुद्गल
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                                  (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                       (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.08.2022-शनिवार.