हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-4-थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै…

Started by Atul Kaviraje, September 02, 2022, 08:36:01 PM

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Atul Kaviraje

                                       "हिंदी कविता"
                                       पुष्प क्रमांक-4
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-4. इस कविता का शीर्षक है- "थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै..."

                               "थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै..."
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"थोड़ा थक सा जाता हूं अब मै...
इसलिए, दूर निकलना छोड़ दिया है,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब...
मैंने चलना ही छोड़ दिया है।

फासलें अक्सर रिश्तों में...
अजीब सी दूरियां बढ़ा देते हैं,
पर ऐसा भी नही हैं कि अब मैंने..
अपनों से मिलना ही छोड़ दिया है।

हाँ जरा सा अकेला महसूस करता हूँ...
खुद को अपनों की ही भीड़ में,
पर ऐसा भी नहीं है कि अब मैंने...
अपनापन ही छोड़ दिया है।

याद तो करता हूँ मैं सभी को...
और परवाह भी करता हूँ सब की,
पर कितनी करता हूँ...
बस, बताना छोड़ दिया है।।"
😇💯✍🏻

--AUTHOR UNKNOWN
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-02.09.2022-शुक्रवार.