हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-12-हर बार कसूर हवा का नही होता

Started by Atul Kaviraje, September 10, 2022, 11:03:14 AM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-12
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-12. इस कविता का शीर्षक है- "हर बार कसूर हवा का नही होता"

                            "हर बार कसूर हवा का नही होता"
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ऐ उम्र ?
कुछ कहा मैंने,
पर शायद तूने सुना नहीं..!
तू छीन सकती है बचपन मेरा,
पर बचपना नहीं..!!

हर बात का कोई जवाब नही होता...,
हर इश्क का नाम खराब नही होता...!
यूं तो झूम लेते है नशे में पीनेवाले..
मगर हर नशे का नाम शराब नही होता...!

खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते है....!
हंसती आखों में भी जख्म गहरे होते है....!
जिनसे अक्सर रुठ जाते है हम,
असल में उनसे ही रिश्ते गहरे होते है....!

किसी ने खुदा से दुआ मांगी.!
दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दें मगर...!
उसे क्या कहूँ जिसने तेरी जिंदगी मांगी...!

हर इंन्सान का दिल बुरा नही होता...
हर एक इन्सान बुरा नही होता.
बुझ जाते है दीये कभी तेल की कमी से....!
हर बार कसूर हवा का नही होता..
✍🏻✍🏻✍🏻

--AUTHOR UNKNOWN
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-10.09.2022-शनिवार.