हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-16-आंखों में क़ैद एक मंजर देखा है

Started by Atul Kaviraje, September 14, 2022, 01:06:55 PM

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Atul Kaviraje

                                      "हिंदी कविता"
                                     पुष्प क्रमांक-16
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-16. इस कविता का शीर्षक है- "आंखों में क़ैद एक मंजर देखा है"

                              "आंखों में क़ैद एक मंजर देखा है"
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आंखों में क़ैद, एक मंजर देखा है,
मै प्यासा रहा, लेकिन समन्दर देखा है,

मुझे ना दिखाना खेल दुनियां के,
मैने हरियाली में भी, पेड़ो को बंजर देखा है।

बड़े अजीब है, तरीके यहां,
रिश्ते निभाने के,
एक हाथ में प्यार,और दूजे में,
खंजर देखा है,

मुझे ना दुआ देना इन बारिशों में,
फिर से जवां हो जाने की,
मैने बारिशों के बाद भी,
जमीं को बंजर देखा है,
🥀💯✍️

--AUTHOR UNKNOWN
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-14.09.2022-बुधवार.