हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-21-मैं रोने से डरता हूँ

Started by Atul Kaviraje, September 19, 2022, 09:24:27 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                      "हिंदी कविता"
                                      पुष्प क्रमांक-21
                                     ---------------
मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-21. इस कविता का शीर्षक है- "मैं रोने से डरता हूँ"

                                  "मैं रोने से डरता हूँ"
                                 ------------------

मैं रोने से डरता हूँ, जुदा होने से डरता हूँ
मेरी आँख बताती है कि मैं सोने से डरता हूँ

मेरी उँगली पकड़ लेना, मुझे तन्हा नहीं करना
ये दुनियाँ एक मेला है इसलिए तुम्हे खोने से
डरता हूँ

जब हँसता हूँ तो क्यों पलकें भीग जाती हैं ।
तुम्हें मालुम है मैं इस तरह रोने से डरता हूँ

जब से ये ख़्वाब देखा है तुम मुझे छोड़ जाओगे
मैं डरता हूँ ख़्वाबों से, मैं अब सोने से डरता
हूँ❣️🥀

--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------

              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
             ---------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-19.09.2022-सोमवार.