निबंध-क्रमांक-22-कोरोना वायरस के दौरान जीवन और कार्य पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2022, 08:49:21 PM

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Atul Kaviraje

                                      "निबंध"
                                    क्रमांक-22
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"कोरोना वायरस के दौरान जीवन और कार्य पर निबंध"

            कोरोना वायरस के दौरान जीवन और कार्य पर निबंध--
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     हमारे जीवन शैली में डिजिटल वर्ल्ड का काफी प्रभाव पड़ा है । हम सारे ऑनलाइन पेमेंट घर से पेमेंट ऐप द्वारा कर रहे है। ऑनलाइन बैंकिंग से लेकर शिक्षा सभी कार्य डिजिटल वर्ल्ड की वजह से संभव हो पाया है। लॉकडाउन के इस समय में किसी भी प्रकार की जानकारी लोगो को इंटरनेट पर निशुल्क प्राप्त हो रही है।

     दफ्तरों के डिज़ाइन में बदलाव होंगे , दरवाज़े आटोमेटिक होंगे।  लिफ्ट के लिए आपको अपने हाथों का इस्तेमाल करना नहीं पड़ेगा। लिफ्ट में आवाज़ तकनीक का इस्तेमाल होगा। हमेशा की तरह सफाई और सैनिटाइज़शन पर ध्यान दिया जाएगा। मीटिंग कमरे का डिज़ाइन बदल जाएगा। दफ्तरों में सहकर्मी एक दम दूर बैठेंगे। शोधकर्ताओं का मानना है कि वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग ,ऑनलाइन मीटिंग इत्यादि नयी तकनीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।

     आजकल लोग फ्लैट में कम ओर घरो में रहना  पसंद कर रहे है क्यों  कि वहां ज़्यादा लोग नहीं होंगे। इससे परिवार सुरक्षित रह पाएंगे। लोगो को अब पास में रह रहे पड़ोसियों से संक्रमित होने का भीषण भय सता रहा  है। लोग अब छोटे घरो को ज़्यादा माईने देंगे , क्यूंकि वहां खुला छत ओर आँगन होता है।

     यातायात के सीमित साधनो की वजह से प्रकृति अभी कम प्रदूषित हो रही है। पहले कुछ महीनो की तुलना में अब लोग धीरे धीरे घर से दफ्तर इत्यादि के लिए बाहर निकलने की कोशिश कर रहे है , लेकिन सावधानी   और सतर्कता के साथ।  लोग पहले के तुलना में प्रकृति के नज़दीक आ गए है और अपना समय बागवानी में बिता रहे है।

     निष्कर्ष कोरोना वायरस संकटकाल में लोगो के जीवन और कार्य में काफी परिवर्तन आये है। आये दिन हम अपने जीवन में इस बदलाव को महसूस कर रहे है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर के सभी देशो ने अपने आर्थिक व्यवस्था में गिरावट देखी है। हमारे खान पान और रहन सहन में काफी बदलाव आया है। वर्तमान में हमे इन परिस्थितियों के मुताबिक  जीवन को समायोजित करना पड़ेगा। भविष्य में इसके साथ ही हम जीना सीख जाएंगे। उम्मीद है कि हम जल्द इस कोरोना संकटकालीन परिस्थितियों से बाहर निकलेंगे और फिर से  एक साधारण जीवन जी पाएंगे।

--👩Rima Bose
(17 September 2020)
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                      (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-एसे.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2022-मंगळवार.