आइयें गुनगुनाये शौक से-आपके राज्य में क्या खास है ?--क्रमांक-2

Started by Atul Kaviraje, September 20, 2022, 09:00:45 PM

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Atul Kaviraje

                                "आइयें गुनगुनाये शौक से"
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मित्रो,

     आज पढते है, "आइयें गुनगुनाये शौक से" यह ब्लॉगका एक लेख . इस लेखका शीर्षक है-"आपके राज्य में क्या खास है ?"

                       आपके राज्य में क्या खास है ?--क्रमांक-2-- 
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     वैशाली, बिहार में प्रथम लोकतंत्र बना था। वह नर्तकी आम्रपाली की नगरी है जिसने गौतम बुद्ध की अगवानी की थी । बाद में उसने बौद्ध धर्म धारण किया।

                          4.बुन्देलखंड- वंदना अवस्थी दूबे--

     पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है हमारा बुन्देलखण्ड। बुन्देलखण्ड, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश, दोनों ही राज्यों में विस्तारित है। मध्यप्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़,पन्ना, सागर, दमोह, विदिशा, जबलपुर, कटनी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना,  दतिया, और उत्तरप्रदेश के चित्रकूट, महोबा, जालौन, झांसी, बाँदा, हमीरपुर और ललितपुर शामिल हैं।

     हर जिले में प्राचीन किले और मंदिरों की भरमार है। वो चाहे खजुराहो हो या ओरछा। दतिया हो या झांसी-ग्वालियर। यहां का पुरातत्व देखते ही बनता है।

     मुझे ओरछा बहुत आकर्षित करता है, अपनी साहित्यिक और सांस्कृतिक सम्पदा के कारण। कवि केशव ओरछा की देन हैं और राय प्रवीण कवि केशव की। एक झलक देखें ओरछा के महल की।
--वंदना अवस्थी दूबे

                     ५.आगरा- सूर सरोवर – कीठम झील - साधना वैद--

     आगरा की बात करें, तो सबसे पहले ताजमहल का नाम जुबान पर आता है। फिर कई मुगलकालीन इमारतों के नाम जैसे आगरा किला, सिकंदरा, एत्मादुद्दौला, फतेहपुर सीकरी आदि गिना दिए जाते हैं, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं, आगरा के एक अनूठे प्राकृतिक स्थल के बारे में, जहाँ आपको अलग ही आनंद मिलेगा। चारों ओर हरियाली, पक्षियों की चहचाहट और दूर तक सिर्फ पानी ही पानी। हम बात कर रहे हैं, कीठम झील की। ये झील क्षेत्र एक पक्षी विहार भी है, जिसे सूर सरोवर पक्षी विहार के नाम से भी जानते हैं। सौ से अधिक प्रवासी पक्षियों की प्रजातियाँ यहाँ पाई जाती हैं इस झील में बोटिंग का आनंद भी लिया जा सकता है ! २७ मार्च १९९१ को सूर सरोवर पक्षी विहार को राष्ट्रीय पक्षी अभयारण्य का नाम दिया गया !

     आगरा से करीब 22 किलोमीटर दूर कीठम झील रुनकता नाम के गांव के पास है। रुनकता आगरा जिले का एक छोटा सा कस्बा है !  यहाँ एक छोटा सा रेलवे स्टेशन भी है। राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर दो पर आगरा से दिल्ली जाते समय सिकन्दरा से आगे ये कस्बा है। इस हाईवे पर दाईं तरफ झील की तरफ जाने वाला प्रवेश द्वार आता है। हाईवे से करीब 1.20 किमी चलने के बाद प्रथम बार सड़क के दाहिने तरफ पानी से परिपूर्ण कीठम झील दिखती है। यहाँ से झील का स्वरूप बड़ा ही मनोरम दिखाई देता है, कुछ अनजान और विदेशी प्रवासी पक्षी भी अक्सर नज़र आते हैं।

     इसी स्थान पर सूर कुटी भी बनी हुई है ! कहते हैं महान भक्त कवि सूरदास जी ने इसी स्थान पर कृष्ण भक्ति में रमे अपने अनुपम काव्य की रचना की थी ! यहीं पर दृष्टिहीन छात्रों के लिए एक ब्लाइंड स्कूल भी है ! यमुना नदी के किनारे बना यह स्थान मन को अपार शान्ति देता है !

     एक और विशिष्ट बात इस स्थान से जुडी हुई है कि यहाँ भालुओं का रेस्क्यू सेंटर भी है ! बेरहम मदारियों के चंगुल से इन भालुओं को छुड़ा कर यहाँ इनका समुचित इलाज व देख रेख की जाती है ! मदारियों के आतंक से ये भालू इतने भयभीत थे कि दर्शको को देखते ही वे अपने आप तमाशा दिखाने लगते थे ! मदारियों को उचित मूल्य देकर इन्हें उनसे खरीदा गया और अब इन्हें एक स्वाभाविक प्राकृतिक वातावरण में निर्भय होकर जीने का अवसर प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है ! यह स्थान वाकई देखने लायक है !
--साधना वैद

--प्रस्तुति-ऋता शेखर 'मधु'
(April 15, 2022)
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                (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-गायें-गुनगुनाये.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-20.09.2022-मंगळवार.