मंजिल और रास्ता...

Started by mkapale, September 22, 2022, 06:44:05 PM

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mkapale

खुशहाल जीनेके लिये कल
क्यों रोज थोड़ा थोड़ा मरते हो
जितना है उसमे शांति नहीं
बस थोड़ा और..कहते रहते हो

मंजिल पाते पाते खूबसूरत
रास्ते हसीन देखते नहीं हो
कलके सूरज के लिये आज के
चाँद से मुँह मोड़ लेते हो

बस यह हो जाय तो सोऊंगा
इसमें नींद अधूरी छोड़ जाते हो
कल के वादोंको निभानेके लिये
आज से नाता क्यों तोड़ देते हो

कल की दौड़ में उलझकर
रोज इतना थक जाते हो
समय ही नहीं तुम्हारे पास
बिताने आज के पल जो मीठे हो

कल के लिये आज का खोना
ये कैसी नाइन्साफ़ी करते हो
एक एक दिन जोड़ के भी तो
कल की बुनियाद बना सकते हो