moomal news-अब बिकाऊ है, एक मुगलकालीन किला

Started by Atul Kaviraje, September 22, 2022, 09:47:34 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                  "moomal news"
                                 -------------------

मित्रो,

     आज पढते है,  "moomal news" इस ब्लॉग का एक लेख. इस लेख का शीर्षक है-"अब बिकाऊ है, एक मुगलकालीन किला"

                     अब बिकाऊ है, एक मुगलकालीन किला--
                    -----------------------------------

     राजस्थान के जिस किले में बादशाह औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को नजरबंद किया था, अब वह ऐतिहासिक किला बेचा जा रहा है।बिल्कुल सुनसान इलाके में चारों तरफ जंगल से घिरे मुगलकालीन इस किले के अंदर की वास्तुकला देखने योग्य है। कहा जाता है कि औरंगजेब शिकार करने के लिए दिल्ली से यहां आता था और इसी किले से वह शिकार के लिए निकलता था। दिल्ली से यहां तक सिर्फ पांच घंटों के अंदर पहुंचा जा सकता है।दिल्ली में सल्तनत पर कब्जा करने की खींचतान जिस समय शुरु हुई थी, उस समय औरंगजेब ने अपने भाई दारा शिकोह को इसी सुनसान इलाके के किले में कैद करके रखा था। दारा शिकोह कई साल तक इस किले में बंद था।भारत सरकार ने इस किले को राज्य सरकार के जिम्मे कर दिया है और राज्य सरकार के पास इतना बजट नहीं है कि वह इसकी देखभाल का जिम्मा ले सके। इसलिए राज्य सरकार सभी ऐतिहासिक इमारतों को निजी हाथ में सौंपने की तैयारी कर रही है।इतना ही नहीं राजस्थान की कई ऐतिहासिक कोठियां विदेशियों ने खरीद ली हैं। अब वे अपने हिसाब से इस तरह ऐतिहासिक और इमारतों को बना रहे हैं। राज्य सरकार को इसकी पूरी जानकारी है। लेकिन सरकार अपनी विरासत को बचाने के लिए ज्यादा गंभीर नहीं दिखाई देती।मुगलकाल के इस किले की दीवारें आज भी इतनी मजबूत हैं कि उसके अंदर आसानी से प्रवेश नहीं किया जा सकता। लेकिन इसे पूरी तरह से छोड़ देने की वजह से इसके अंदर और बाहर झाड़ियां उग आई हैं जो इसकी दीवार और फर्श को नुकसान पहुंचा रही हैं। अगर समय रहते इस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया जाता तो ऐतिहासिक महत्व का ये बेजोड़ किला अपना अस्तित्व ही खो देगा।

--moomal
(रविवार, 28 दिसंबर 2008)
--------------------------

             (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-moomal news.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
            ------------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-22.09.2022-गुरुवार.