हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-25-रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर

Started by Atul Kaviraje, September 23, 2022, 09:57:59 PM

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Atul Kaviraje

                                        "हिंदी कविता"
                                       पुष्प क्रमांक-25
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-25. इस कविता का शीर्षक है- "रब" ने नवाजा हमें जिंदगी देकर"

                                "रब ने नवाजा हमें जिंदगी देकर"
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"रब" ने नवाजा हमें जिंदगी देकर;
और हम "शौहरत" मांगते रह गये;
जिंदगी गुजार दी शौहरत के पीछे;
फिर जीने की "मौहलत" मांगते रह गये।

ये कफन ये जनाज़े, ये "कब्र"
सिर्फ बातें हैं मेरे दोस्त,,
वरना मर तो इंसान तभी जाता है।
जब याद करने वाला कोई ना हो...!!

ये समंदर भी तेरी तरह खुदगर्ज़ निकला,
जिंदा थे तो तैरने न दिया और
मर गए तो डूबने न दिया ..

क्या बात करे इस दुनिया की
"हर शख्स के अपने अफसाने हैं"
जो सामने हैं उसे लोग बुरा कहते हैं,
जिसको देखा नहीं उसे सब "खुदा" कहते हैं!!!

--हरिवंश राय बच्चन
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-23.09.2022-शुक्रवार.