एक याद-कविता-मेरा दिल...

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2022, 09:16:20 PM

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Atul Kaviraje

                                      "एक याद"
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मित्रो,

     आज पढते है, श्री प्रतीक तिवारी, इनके "एक याद" इस कविता ब्लॉग की एक कविता . इस कविता का शीर्षक है-"मेरा दिल..."

                                       मेरा दिल...
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प्यार आपका अब कुछ इस कदर हम पर छा रहा है
मेरा दिल मुझे मेरे महबूब का दिल ए हाल बता रहा है
बड़ा समझाया इस दिल ए नादान को
पर ये तो मस्त गगन में उड़ता ही चला जा रहा है
प्यार आपका अब कुछ इस कदर हम पर छा रहा है
मेरा दिल मुझे मेरे महबूब का दिल ए हाल बता रहा है

चाहता है अब ये दिलबर को अपने सामने हर पल
महसूस करना चाहता है उसकी सांसो को अपनी सांसो में हर पल
इसको भी अब खुद पर कुछ ज्यादा ही एतबार आ रहा है
प्यार अब कुछ इस कदर हम पर छा रहा है
मेरा दिल मुझे मेरे महबूब का हाल ए हाल बता रहा है

कहता है बस कुछ दिन और इंतजार, फिर हम एक हो जायेंगे
जो जो सपने संजोये थे हमने सब के. सब पूरे वो हो जायेगे
अब तो गौरव को भी शिखर का इंतज़ार हो रहा है
प्यार अब कुछ इस कदर हम पर छा रहा है
मेरा दिल मुझे मेरे महबूब का दिल ए हाल बता रहा है

मिले थे जो कभी हमें अनजान बनकर ,वो अब अपने हो जायेंगे
हर कोई शायद अब हमारे प्यार के साथ होगा
दिल को इस गुमान पर गुमान आ रहा है
प्यार अब कुछ इस कदर हम पर छा रहा है
मेरा दिल मुझे मेरे महबूब का दिल ए हाल बता रहा है ।

--प्रतीक तिवारी
(Thursday, January 11, 2018)
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                 (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-एक याद.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.09.2022-शनिवार.