गूँगी गुड़िया-कविता-दायित्व

Started by Atul Kaviraje, September 24, 2022, 09:20:22 PM

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Atul Kaviraje

                                      "गूँगी गुड़िया"
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मित्रो,

     आज पढते है, श्रीमती अनीता सैनी 'दीप्ति', इनके "गूँगी गुड़िया" इस कविता ब्लॉग की एक कविता. इस कविता का शीर्षक है-"दायित्व"

                                           दायित्व--
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मुझे सुखाया जा रहा है
सड़क के उस पार खड़े वृक्ष की  तरह
ठूँठ पसंद हैं इन्हें
वृक्ष नहीं!

वृक्ष विद्रोह करते हैं!
जो इन्हें बिल्कुल पसंद नहीं
समय शांत दिखता है
परंतु विद्रोही है!

इसका स्वयं पर अंकुश नहीं है
तुम्हारी तरह!
उसकी आँखों से टपकते
आँसुओं की स्याही हृदय में भरी

उसी पल कविता पेट पड़ी थी मेरे
सिसकते भावों को ढाँढ़स बँधाया
कुछ पल उसका दर्द जिया
उसकी जगह
खड़े होने की हिम्मत नहीं थी मुझ में

मैंने ख़ुद से कहा-
मैं अति संवेदनशील हूँ!
और अगले ही पल
मैंने अपना दायित्वपूर्ण किया!

--@अनीता सैनी 'दीप्ति'
(शनिवार, सितंबर 24)
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                 (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-गूँगी गुड़िया.ब्लॉगस्पॉट.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-24.09.2022-शनिवार.