हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-27-अचानक ज़िन्दगी में कभी

Started by Atul Kaviraje, September 25, 2022, 09:24:26 PM

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Atul Kaviraje

                                      "हिंदी कविता"
                                     पुष्प क्रमांक-27
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-27. इस कविता का शीर्षक है- "अचानक ज़िन्दगी में कभी"

                                "अचानक ज़िन्दगी में कभी"
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अचानक ज़िन्दगी में कभी,
एक अन्जान सा शख्स आता है...
जो दोस्त भी नहीं, हमसफ़र भी नही,
फिर भी दिल को बहुत बहुत भाता है

ढेरों बाते होती हैं उस से,
हज़ारों दुख सुख भी बंटते हैं,
जो बातें किसी से नहीं करते थे,
वो भी हम उस से करते हैं

है तो वो अनजाना सा,
पर दिल को बहुत वो,
जाना पहचाना सा लगता है ...
कोई रिश्ता नहीं है उससे,
फिर भी उसकी हर बात
मानने का दिल करता है....

कोई हक नहीं है उस पर हमारा
फिर भी उस पर हक जताना
हमको अच्छा लगता है ..
जब कुछ भी सुनने का मन ना हो तब भी,
उसको सुनना अच्छा लगता है,

--AUTHOR UNKNOWN
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              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-25.09.2022-रविवार.