हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-28-दिल जब घबराये तो खुद को एक किस्सा सुना देना

Started by Atul Kaviraje, September 26, 2022, 10:13:36 PM

Previous topic - Next topic

Atul Kaviraje

                                    "हिंदी कविता"
                                   पुष्प क्रमांक-28
                                  ---------------
मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-28. इस कविता का शीर्षक है- "दिल जब घबराये तो खुद को एक किस्सा सुना देना"

                    "दिल जब घबराये तो खुद को एक किस्सा सुना देना"
                   ----------------------------------------------

दिल जब घबराये तो खुद को एक किस्सा
सुना देना
जिन्दगी कितनी भी मुश्किल क्यूँ ना हो
मुस्कुरा देना..

आसानी से सब कुछ हासिल हो तो उसकी
कदर कहाँ?
जरूरी है कुछ पाने के लिए कुछ गंवा देना..

जाहिर है मुसीबतों में साथ कोई अपना नहीं रहता
चुप रहना बेशक आँख से एक कतरा बहा देना...

शिकायतें सिर्फ दिल मैला करती हैं और कुछ नहीं
आसान है गले मिल कर कभी सब कुछ भूला देना

बीते हुए दौर की बातें याद कर क्या हासिल प्यारे
क्या जरूरी है कल की याद में अपने आज को सज़ा देना...

कुछ कमियां हम सब में है, ये जानते हैं हम
बहुत बड़ी बात है,, किसी के ऐब को बे-वजह
छुपा देना..

--AUTHOR UNKNOWN
-------------------------

              (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
             ---------------------------------------------------

-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-26.09.2022-सोमवार.