वर्षा ऋतु कविता-कविता-पुष्प-66-बारिश और बिल्ली

Started by Atul Kaviraje, September 27, 2022, 09:33:53 PM

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Atul Kaviraje

                                   "वर्षा ऋतु कविता"
                                    कविता-पुष्प-66
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मित्रो,

     आईए मित्रो, सुनते है, पढते है, इस मन-भावन वर्षा ऋतू की कुछ सर्वोत्तम रचनाये. कविता-कोश आपके लिये लाये है, नवं-कवी, श्रेष्ठ कवी, सर्व-श्रेष्ठ कवी, नामचीन-नामांकित, कवी-कवयित्रीयोकी मन-भावन कविताये, रचनाये जिसे पढकर आपका मन आनंद-विभोर हो जायेगा, पुलकित हो जायेगा, उल्हसित हो जायेगा. इन  कविताओकी हल्की, गिली बौछारे आपके तन-मन को भिगो कर एक सुखद आनंद देगी, जो आपको सालो साल याद रहेगी. आईए, तो इन बरसते-तुषारो मे भिग कर कविता का अनोखा आनंद प्राप्त करते है.

                                  "बारिश और बिल्ली"
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एक बिल्ली मेरे घर की खिड़की पर
बैठी है चुपचाप
वह बाहर नहीं जा रही है
वहीं से देख रही है बादलों को
बादल भी उसे आसमान से देख रहे हैं
मैं इस बारिश में
कभी बादल को
कभी बिल्ली को देख रहा हूँ
इस तरह अपने जीवन को
कुछ नया कर रहा हूँ
आप भी इस तरह देखिए
अपने जीवन में कोई दृश्य
आपसे मैं यह बयाँ कर रहा हूँ।

--विमल कुमार
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                               (संदर्भ-श्रेणी:वर्षा ऋतु)
                     (साभार एवं सौजन्य-कविताकोश.ऑर्ग/के.के.)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-27.09.2022-मंगळवार.