हिंदी कविता-पुष्प क्रमांक-30-कुछ ऐसा कर जाओ

Started by Atul Kaviraje, September 28, 2022, 09:02:44 PM

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Atul Kaviraje

                                     "हिंदी कविता"
                                    पुष्प क्रमांक-30
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मित्रो,

     आईए सुनतें है, पढते है, कुछ दिलचस्प रचनाये, कविताये. प्रस्तुत है कविताका पुष्प क्रमांक-30. इस कविता का शीर्षक है- "कुछ ऐसा कर जाओ"

                                   "कुछ ऐसा कर जाओ"
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मेरी आँखे ना देखो तुम,
मेरे दिल में उतर जाओ
जमाना जिसको ना माने,
आज कुछ ऐसा कर जाओ

चुरा लो सांस तुम मेरी,
मेरे हर लब्ज ले जाओ
कोई सुने तो बस रो दे,
गीत कुछ ऐसा तुम गाओ

चले जाओ वहाँ पर तुम,
जहाँ मीलों तक कोई ना हो
फिर जब मन गवाही दे,
मुझे भी साथ ले जाओ

करो फिर स्पर्श तुम मुझको,
मेरे बालों को सहलाओ
बढ़ा कर प्यास तुम मेरी,
मेरे अंतर को छु जाओ

नसों में सांस भर जाओ,
मधुर एहसास भर जाओ
जो मर कर भी ना मैं भूलूँ,
कुछ ऐसा खास कर जाओ

--राही
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               (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-फंकी लाईफ.इन/हिंदी-पोएटरी)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-28.09.2022-बुधवार.