निबंध-क्रमांक-31-उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध

Started by Atul Kaviraje, September 29, 2022, 09:17:15 PM

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Atul Kaviraje

                                        "निबंध"
                                      क्रमांक-31
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मित्रो,

      आईए, पढते है, ज्ञानवर्धक एवं ज्ञानपूरक निबंध. आज के निबंध का शीर्षक है-"उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध"

                       उद्योगों पर कोरोना का कहर पर निबंध--
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     कोरोना वायरस के चलते निर्यात कुछ महीनो तक बंद  पड़ गयी है।  फ़रवरी से लेकर अप्रैल तक , सारे उद्योगों के आर्डर स्थगित हो गए और दस हज़ार करोड़ रुपयों का नुकसान झेलना पड़ा है।

     मोदी जी ने उद्योगों से कहा कि इस मुश्किल वक़्त में उद्योग अपने कर्मचारियों को नौकरी से बाहर ना निकाले और ना ही उनके वेतन में कोई कटौती करे। बहुत से औद्योगिक संगठनों का कहना है , अगर इसी तरह की परिस्थितियां चलती रही , तो नुकसान झेलना नामुमकिन हो जाएगा।

     लघु यद्योग जैसे सिलाई , कढ़ाई , बुनाई और विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्पो के छोटे छोटे दुकानों को भी नुकसान और मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा है। रीटेल कंपनियों की आमदनी में तीस से चालीस फीसदी तक गिरावट आयी है। त्योहारों के अवसर पर विभिन्न प्रकार की चीज़ें बनाने वाली कंपनियों के ऑर्डर्स में कमी आ गयी है। चीन की कंपनियों के बंद होने के कारण , इलेक्ट्रॉनिक्स ,और छोटे बड़े गहनों के दुकानों को भी भारी मात्रा में नुकसान पहुंचा है। निर्यात में गिरावट की वजह से सिर्फ मछली पालन उद्योग को चौदह सौ  करोड़ का नुकसान हुआ है।

     वायरस का प्रकोप वित्तीय बाज़ारो पर पड़ा है और ख़तरा बनकर मंडरा रहा है। भारत में छह करोड़ से अधिक MSME यानी छोटे , लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय है । संसार भर में चौदह करोड़ से ज़्यादा लोग छोटे व्यापार , फेसबुक ऐप का इस्तेमाल कर रहे है। लघु  और  मध्यम उद्योगों  को इस कठिन समय से निकालने के लिए , फेसबुक ने बिज़नेस रिसोर्सेज हब की तैयारी की है। इससे वे ग्राहकों और व्यवसायियों की मदद कर रहे है।

     फेसबुक ऑनलाइन ग्राहकों के साथ संपर्क साधता है।  ईमेल और किसी भी वेबसाइट पर व्यवसाय को आजकल बढ़ाया जा सकता है।  विभिन्न तरह के ऑनलाइन टूल्स जैसे फेसबुक , इंस्टाग्राम , पर लाइव सेशंस करवाते है। इससे छोटे व्यापारी ग्राहकों से ऑनलाइन जुड़े रहते है। ग्राहक क्या चाहते है और उत्पादों पर उनकी प्रतिक्रिया जानने के लिए मुफ्त ऑनलाइन चैट सेवाओं का उपयोग कर सकते है।  इससे उद्योगों को  अपने ग्राहकों को समझने का भरपूर मौका मिलेगा।

     MSME के मुताबिक जून के बीच में तीन करोड़ से ज़्यादा मज़दूरों की नौकरी चली गयी है। इन कुछ महीनो में हालत बिगड़ने के कारण लघु उद्योगों ने नए लोगो को नौकरी देने में असमर्थ रही है। अगस्त के आखिर तक भी कई लोगो ने अपनी नौकरी गंवाई है। लगभग पच्चीस प्रतिशत लोगो का रोजगार छीना गया।  देश की आर्थिक स्थिति संकटपूर्ण है।  लॉकडाउन के कारण , उद्योगों का प्रोडक्शन नहीं हो पाया है।

--👩Rima Bose
(17 September 2020)
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                       (साभार एवं सौजन्य-संदर्भ-हिंदी-एसे.कॉम)
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-----संकलन
-----श्री.अतुल एस.परब(अतुल कवीराजे)
-----दिनांक-29.09.2022-गुरुवार.